इससे पहले अजीत जोगी ने कहा था कि पार्टी अब नेहरू, इंदिरा, राजीव और सोनिया गांधी वाली कांग्रेस नहीं रही। संगठन में अब भैंस के आगे बीन बजाने से कोई फायदा नहीं है। आलाकमान का उनके प्रति जो रवैया है उससे जनाधार वाले नेताओं का कोई स्थान नहीं रह गया है। जानकारों का मनाना है कि जोगी राज्यसभा की टिकट मांग रहे थे जिसे पार्टी ने एकसिरे से खारिज कर दिया। इससे जोगी नाराज हो गए। कांग्रेस वाइस प्रेसीडेंट राहुल गांधी ने उन्हें टिकट देने से साफ मना कर दिया। जोगी ने भी बाद में राहुल को बगावती तेवर के संकेत दिए। राहुल नेे कहा कि आप जो तय कर लें।
जोगी की गतिविधियों से वाकिफ होकर पार्टी आलाकमान काफी पहले से ही भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव को राज्य में पार्टी के कामकाज की सत्ता सौंप दी थी। ऐसे में जोगी मुख्य धारा से अलग हो गए थे। अब जोगी कहते हैं कि रमन को हराने का दम बघेल और सिंहदेव में नहीं है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने की कला उनको आती है। वह बहुमत लाकर बताएंगे। उन्होंने बघेल और सिंहदेव पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। जोगी ने कहा कि सिंहदेव ने सरगुजा जिले में 50 एकड़ के तालाब को पाटकर 150 करोड़ की जमीन बनाई है। इसी तरह बघेल ने किसान भूमि को व्यावसायिक भूमि बनाया है। यह मामला करीब 200 करोड़ का है। जोगी के अनुसार पिछले कुछ समय से लगातार उनकी उपेक्षा हो रही है, जिससे उनके समर्थक काफी निराश हैं और उनका उन पर नई पार्टी के गठन का भारी दबाव था। बहरहाल अब देखना यह है कि कांग्रेस से अाजाद होकर जोगी अपनी रााजनैतिक चाल को कितना परवान देते हैं।