जनता दल (यूनाईटेड) ने निर्वाचन आयोग की ओर से हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनियमितता से संबंधित कांग्रेस के आरोपों को खारिज किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और नसीहत दी कि उसे इस ‘फटकार’ को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में जनादेश को ‘कलंकित’ करने से बाज आना चाहिए।
जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एक बयान में निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए जवाब का हवाला देते हुए कहा कि इससे कांग्रेस के ‘होश’ ठिकाने लग जाने चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनियमितता से संबंधित कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा था कि पार्टी पूरे चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजे एक पत्र में आयोग ने कहा कि इस तरह के ‘तुच्छ और बेबुनियाद’ संदेह ‘अशांति’ पैदा करने की क्षमता रखते हैं, खासकर मतदान और मतगणना जैसे महत्वपूर्ण चरण में, जब राजनीतिक दलों और जनता की बेचैनी चरम पर होती है।
हरियाणा में पांच अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 90 में से 48 सीटें जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 37, इनेलो दो और निर्दलीय तीन सीटों पर विजयी रहे।
आठ पन्नों के पत्र के मुताबिक, कांग्रेस ने हरियाणा की 26 विधानसभा सीटों के कुछ मतदान केंद्रों पर गिनती के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के ‘कंट्रोल यूनिट’ पर बैटरी का स्तर 99 फीसदी दिखने पर सवाल उठाए थे और स्पष्टीकरण मांगा था।
आयोग ने कहा, “इस चिंता में ‘कंट्रोल यूनिट’ को बदले जाने की आशंका छिपी हुई थी।” निर्वाचन आयोग के जवाब के बाद प्रसाद ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘आयोग ने एक बार फिर कांग्रेस को आईना दिखाया है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब भी चुनाव हारती है तो वह आयोग पर ठीकरा फोड़ने का काम करती है और कभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) तो कभी आयोग के फैसलों पर सवाल खड़े करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह से जनादेश को बार-बार विवादों के दायरे में लाने का काम कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल पहले भी करते रहे हैं।’’
कांग्रेस, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ की एक प्रमुख घटक दल है। इसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी जैसी अन्य विपक्षी पार्टियां भी शामिल हैं।
प्रसाद ने कहा कि आयोग ने संबद्ध पक्षों से बातचीत के आधार पर और ‘काफी तार्किक विवेचना’ कर एक विस्तृत जवाब कांग्रेस को दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब, कांग्रेस के होश ठिकाने लग जाने चाहिए। जहां वह जीतती है, वहां ईवीएम और आयोग अच्छा हो जाता है और जहां वह हारती है, वहां ईवीएम औरर आयोग पर सवाल उठाना उसकी आदती सी बन चुकी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि कांग्रेस आयोग की इस फटकार को गंभीरता से लेगी और भविष्य में कभी जनादेश को कलंकित करने का काम नहीं करगी।’’
कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आयोग ने यह भी कहा था कि किसी भी वैधानिक चुनावी कदम से समझौता किए जाने का ‘कोई सबूत नहीं’ होने के बावजूद कांग्रेस चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे में उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था।
आयोग ने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह पार्टी के बड़े और शानदार रुतबे के अनुरूप अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने के लिए ठोस कदम उठाए।