16वीं लोकसभा में अध्यक्ष की ओर से सदस्यों के खिलाफ की गई अब तक की यह सबसे कड़ी कार्रवाई है। कांग्रेस सांसदों का तर्क था कि जब यूपीए सरकार थी तब भाजपा भी ऐसे ही संसद में हंगामा करती थी और सदन नहीं चलने दिया जाता था। इस पर लोकसभा अध्यक्ष्ा सुमित्रा महाजन ने कहा कि जो पहले होता रहा है, वही होगा? इसे कभी न कभी तो रोकना होगा। लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में अपनी पीड़ा भी व्यक्त कीं और कहा कि आज मैं बहुत व्यथित हूं। मैंने केवल दो बातें कहीं कि पोस्टर मत दिखाओ और आसन के समक्ष मत आओ लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं है।
निलंबित सांसद रंजीत रंजन के मुताबिक अगर सरकार को सदन ठीक से चलाना है तो जो हमारी मांग है उसे पूूरा किया जाए। अगर कांग्रेस विपक्ष में है तो सरकार के गलत कदमों का विरोध तो करना ही पड़ेगा। कांग्रेस अब पूरे आक्रामक ढंग से सरकार के विरोध में उतरेगी। पार्टी के एक सांसद ने बताया कि निलंबन का असर अब संसद में ही नहीं बल्कि सड़कों पर भी देखने को मिल सकता है। निलंबन के बाद कांग्रेस को अन्य राजनीतिक दलों की सहानुभूति भी मिल रही है। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और उसकी कुछ मांग है लेकिन यदि सरकार उनकी बात नहीं सुनती है तो सदन का चलना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि निलंबन की कार्रवाई से स्थिति और खराब हो जाएगी।
तृणमूल कांग्रेस के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के सांसद भी कांग्रेस के पक्ष में खड़े होते दिख रहे हैं। इन पार्टियों के सांसदों ने कहा कि वे भी लोकसभा की कार्यवाही का पांच दिनों तक बहिष्कार करेंगे। कांग्रेस के निलंबित सांसदों को मिल रहे समर्थन से पार्टी उत्साहित हो गई है और सरकार का विरोध और तेेज करेगी।