झारखंड के रामगढ़ में मॉब लिंचिंग के केस में दोषी ठहराए गए आठ आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत करने के बाद केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा विवादों में आ गए हैं। केंद्रीय मंत्री की इस हरकत को लेकर कांग्रेस ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि विवादों में घिरने के बाद जयंत सिन्हा ने अपनी सफाई भी पेश की है।
दरअसल, मॉब लिंचिंग के केस में जेल में बंद आठ आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली थी। जमानत मिलने के बाद ये लोग जयंत सिन्हा से मिलने उनके घर गए, जहां उन्होंने दोषियों को माला पहना कर उनका स्वागत किया। बताया जा रहा है कि यह लोग बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष अमरदीप यादव के नेतृत्व में जयंत सिन्हा के घर गए थे।
कांग्रेस ने भी उठाए सवाल-
शनिवार को मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, दंगों के आरोपियों को सम्मानित करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार के मंत्री मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहना रहे। कांग्रेस ने सवाल करते हुए पूछा, क्या मोदी सरकार सामाजिक अस्थिरता को बढ़ावा दे रही है?
दंगों के आरोपियों को सम्मानित करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार के मंत्री मॉब लिंचिंग के आरोपियों को माला पहना रहे; क्या मोदी सरकार सामाजिक अस्थिरता को बढ़ावा दे रही है? pic.twitter.com/3sf6M6Nvkv
— Congress (@INCIndia) July 7, 2018
सफाई में क्या बोले केंद्रीय मंत्री
जयंत सिन्हा ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं जनता का प्रतिनिधि हूं। मैंने कानून की रक्षा की शपथ ली है’। उन्होंने कहा कि जब इन लोगों को जमानत मिली, वे मेरे घर आए, मैंने उन्हें शुभकामना दी। इस कृत्य के बाद मंत्री जी विपक्ष के निशाने पर आ गए थे।
जयंत सिन्हा ने कहा, 'मैंने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। मैं जनता का प्रतिनिधि और मंत्री हूं। मैंने कानून की रक्षा की शपथ ली है। किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब इन लोगों को जमानत मिली, तो वे मेरे घर आए, मैंने उन्हें शुभकामना दी। भविष्य में कानून को अपना काम करने दें, आरोपी को दंडित किया जाएगा और जो निर्दोष हैं उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा’।
जानें पूरा मामला-
मामला सामने आने के बाद विपक्ष ने सिन्हा पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया है। गौरततलब है कि पिछले साल 27 जून को लगभग 100 गौरक्षकों की भीड़ ने पशु व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी को हजारीबाग जिले के रामगढ़ में दिनदहाड़े पीट-पीटकर मार डाला था।
जयंत सिन्हा हजारीबाग लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद हैं। भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डाले जाने के इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने रिकॉर्ड 5 महीने में सुनवाई पूरी करते हुए इस साल 21 मार्च को 11 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
सिन्हा ने पुलिस जांच पर भी सवाल उठाया
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने इस मामले में पुलिस जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने इसकी सीबीआइ जांच की मांग की है। फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा पाने के बाद सभी दोषियों ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से 8 लोगों को 29 जून को जमानत मिल गई।
सिन्हा हमेशा मानते थे कि यह लोग निर्दोष हैं: ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष
बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष अमरदीप यादव ने बताया, 'जयंत सिन्हा हमेशा मानते थे कि यह लोग निर्दोष हैं और इन्हें फंसाया गया है। इसलिए उन्होंने अपनी क्षमता से इन लोगों की कानूनी और आर्थिक मदद की। निर्दोष लोगों का साथ देने में कुछ गलत नहीं है।' उन्होंने इस मामले में 3 अन्य दोषियों का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि उन्हें भी हाईकोर्ट से जमानत मिल जाएगी। यादव ने दावा किया कि जयंत सिन्हा ने खुद इस मामले के कागजात देखे हैं और वकीलों से बात की है।