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भारतीयों का स्विस बैंकों में धन बढ़ने पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा-श्वेत पत्र जारी करे सरकार

भारतीय नागरिकों का व्यक्तिगत और कंपनियों का स्विस बैंकों में पैसा वर्ष 2020 में बढ़कर 20,700 करोड़ रुपये से...
भारतीयों का स्विस बैंकों में धन बढ़ने पर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा-श्वेत पत्र जारी करे सरकार

भारतीय नागरिकों का व्यक्तिगत और कंपनियों का स्विस बैंकों में पैसा वर्ष 2020 में बढ़कर 20,700 करोड़ रुपये से ज्यादा होने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार श्वेत पत्र लाकर देशवासियों को बताए कि यह पैसा किनका है कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

कांग्रेस ने पूछा कि मोदी सरकार उन लोगों के नाम का खुलासा क्यों नहीं कर रही, जिन्होंने पिछले साल स्विस बैंक में पैसा जमा कराया। जब 97 प्रतिशत भारतीय और ज्यादा गरीब हो गए, तो ये वो कौन लोग हैं, जो ‘आपदा में अवसर’ खोज रहे हैं?

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने कालाधन लाने और लोगों के खातों में 15-15 लाख रुपये जमा करने का वादा किया था, लेकिन सात साल बीत जाने के बावजूद उसने अपने इस वादे को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में स्विस बैंकों में कुल जमा राशि साल 2019 की तुलना में बढ़कर 286 प्रतिशत हो गई। कुल जमा राशि 13 साल में सबसे ज्यादा है, जो साल 2007 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर है।

कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने दावा कि एक और बड़ा खुलासा ‘बैंक फॉर इंटरनेशनल सैटेलमेंट’ (बीआईएस) ने स्विस बैंक में विभिन्न नागरिकों द्वारा जमा किए गए धन के बारे में किया, जिससे प्रदर्शित होता है कि भारतीय नागरिकों द्वारा स्विस बैंक में जमा की गई धनराशि 2019 की तुलना में 2020 में 39 प्रतिशत बढ़ी। 

उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने से पहले, भाजपा ने दावा किया था कि भारतीयों ने 250 अरब डॉलर (17.5 लाख करोड़ रु.) अकेले स्विट्जरलैंड के बैंकों में छिपाया हुआ है। भाजपा ने यह वादा भी किया कि विदेशी बैंकों में छिपाए गए इस काले धन को वापस लाया जाएगा और हर भारतीय को उसके खाते में 15 लाख रुपये मिलेंगे। लेकिन पिछले 7 सालों में, मोदी सरकार 'बातों में महारत, काम में नदारद' सरकार बन गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 7 साल में मोदी सरकार का जो इकोनॉमिक मॉडल देश के सामने आ रहा है, उसमें तीन लो हैं, तो तीन हाई हैं। जीडीपी लो है, मांग लो है और इन्वेस्टमेंट अर्थात नया निवेश लो है। और हाई क्या–क्या है– फॉरेन डिपोजिट, बेरोजगारी और महंगाई। तो ये मोदी नॉमिक्स है, जिसमें जिन चीजों को लो होना चाहिए, वो हाई हैं और जिन चीजों को हाई होना चाहिए, वो लो हैं।

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