पंजाब नैशनल बैंक फर्जीवाड़ा मामले को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी जी जब ‘उड़ान’ शब्द कहते थे तो उसका मतलब शायद ये था कि हर घोटालेबाज उड़ कर भाग सकता है। कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि पूरी दाल काली है, कहीं न कहीं सरकार में बैठे लोगों का संरक्षण देश का पैसा लूट कर भाग जाने वालों के साथ है।
पंजाब नैशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ के फर्जीवाड़े को लेकर कांग्रेस नेता आरएस सुरजेवाला ने कहा कि पिछले चौबीस घंटे में देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला 21,306 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। 30 बैंकों ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसे की चार कंपनियों को 9906 करोड़ कर्जा दिया। इस सभी बैंकों के कर्जे के कागजात सार्वजनिक हैं। इस हिसाब से 11 हचार चार सौ करोड़ और नौ नौ सौ छे करोड़ ये कुल मिलाकर 21 हजार तीन सौ छे करोड़ बनते हैं। पिछले 24 घंटे में देश में सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला बढ़कर 21 हजार तीन सौ छे करोड़ तक पहुंच गया है। सुरजेवाला ने कहा कि मई 2015 से प्रधानमंत्री कार्यालय समेत कई मंत्रालयों और एजेंसियों को इस घोटाले की जानकारी थी। इसके बावजूद सरकार ने कुछ नहीं किया।
उन्होंने पूछा कि गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री जी ने मेहुल चोकसी के साथ अपने आत्मीय संबंधो को बताया। क्या प्रधानमंत्री जी मेहुल चोकसी को जानते है? और अगर जानते हैं तो फिर इंकार क्यों कर रहे हैं? सुरजेवाला ने कहा कि कोई 2000 करोड़ रुपया निकाल लें और किसी को पता न चले ये कैसे सम्भव है?
कांग्रेस नेता ने कहा, “हमारे सवालों का जवाब प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की बजाय क़ानून मंत्री और समाज कल्याण मंत्री ने दिया।”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री ऑफिस के ट्विटर हैंडल ने नीरव मोदी का फ़ोटो लगाकर ‘Together We Can’ वाला ट्वीट नहीं किया?
सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा, "देश का पैसा लूटकर सिर्फ मोदी ही क्यों भाग रहे हैं एकतरफ ललित मोदी हैं, दूसरी तरफ नीरव मोदी हैं। हमने तो बड़े नहीं ‘छोटे मोदी’ की बात की।"
उन्होंने कहा कि नीरव मोदी के यहाँ रेड में 5100 करोड़ के आभूषणों की ज़ब्ती हुई है इस बात को ईडी और सीबीआई के प्रमुख सामने आकर कबूल करें, ताकि बाद में इस आकड़े से वो मुकर न सकें।
सुरजेवाला ने कहा, ''सबसे चौंकाने वाली बात है कि प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्पोरेट अफेयर मिनिस्ट्री, प्रवर्तन निदेशालय, सीरीयस फ्रॉड इनवेस्टिगेटिव ऑफिस, सेबी, महाराष्ट्र सरकार और गुजरात सरकार को सात मई 2015 से इस पूरे घोटाले की जानकारी थी। जानकारी थी तो ये सभी एजेंसियां क्या कर रहीं थीं।''