कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को एकजुट रखने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने की रणनीति के तहत इस लोकसभा चुनाव में कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला सोच-समझकर लिया है।
खड़गे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि यह पार्टी की ओर से ‘‘अविश्वास’’ को नहीं दिखाता है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के विभिन्न हिस्सों में प्रभाव रखने वाले अन्य दलों को पर्याप्त मौका देते हुए संयुक्त विपक्ष की जीत सुनिश्चित करने के लिए यह समझौता किया गया।’’
खड़गे ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी की ‘‘पूंजी’’ और स्टार प्रचारक बताते हुए उनके चुनाव न लड़ने के फैसले को सही ठहराया।
यह पूछने पर कि वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव जीतने पर राहुल गांधी कौन सी सीट छोड़ेंगे, इस पर खरगे ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला सोच-समझकर लिया है। यह गठबंधन के साझेदारों को एकजुट रखने के लिए किया गया और इसलिए हमने यह समझौता किया है।’’
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने अपने जैसी विचारधारा वाली अन्य पार्टियों से विचार-विमर्श करने के बाद प्रत्येक राज्य में गठबंधन करने के लिए एक समिति गठित की थी। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी आलाकमान ने इस रणनीति को मंजूरी दे दी। हमने प्रत्येक राज्य में चर्चा की है।’’
कांग्रेस अब के इतिहास में देश में सबसे कम 328 सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि बाकी की 200 से अधिक सीट उसने ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) गठबंधन के अन्य साझेदारों के लिए छोड़ दी है।