संसद सत्र के दौरान लोकसभा में सदस्य अब एक दिन में अधिकतम 10 प्रश्नों की बजाय केवल 5 प्रश्नों के लिए ही नोटिस दे सकेंगे। सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए जनता से पूछकर संसद में मुद्दे उठाने का निर्णय लिया है। उन्होंने आम जनता को 7 जुलाई तक अपने सांसद को लोकसभा में पूछे जाने वाले प्रश्न भेजने को कहा है।
पिछले कुछ समय से कांग्रेस के काम करने के तौर-तरीकों में काफी फर्क देखा जा रहा है। हाल ही में प्रवक्ताओं की भर्ती के लिए पार्टी ने लिखित परीक्षा का आयोजन कराया। अब इसी कड़ी में कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया है कि सरकार ने संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या में कटौती की है। ऐसे में अपनी लोकतांत्रिक शक्ति के इस्तेमाल का समय आ गया है। इसलिए 7 जुलाई तक अपने सांसद को लोकसभा में पूछा जाने वाला प्रश्न भेजें।
सरकार ने संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या में कटौती की है। ऐसे में अपनी लोकतांत्रिक शक्ति के इस्तेमाल का समय आ गया है। इसलिए 7 जुलाई तक अपने सांसद को लोकसभा में पूछा जाने वाला प्रश्न भेजें।#ParticipateInParliament pic.twitter.com/fiaHLOSepJ
— Congress (@INCIndia) July 2, 2018
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, लोकसभा सचिवालय के प्रश्न प्रकोष्ठ की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि सभी सदस्य इस तथ्य से अवगत हैं कि लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश 10बी के तहत कोई भी सदस्य एक दिन में 10 से अधिक प्रश्नों के नोटिस नहीं दे सकता।
बुलेटिन के मुताबिक, “प्रश्नों को लेकर नोटिसों की संख्या 230 से अधिक होने को ध्यान में रखते हुए लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी से स्पीकर के निर्देश 10बी में संशोधन किया गया है।“
लोकसभा महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षरित बुलेटिन में कहा गया है कि इस संशोधन के अनुरूप किसी सदस्य की ओर से एक दिन में प्रश्नों के लिए नोटिस देने की संख्या को 10 से घटाकर 5 निर्धारित किया गया है। बुलेटिन के अनुसार, अगर कोई सदस्य एक दिन में पांच से अधिक प्रश्नों के लिये नोटिस देता है तब उसे अगले दिन के लिए रखा जायेगा।
इसमें कहा गया है कि जो सदस्य पूरे सत्र के लिए प्रश्नों के संबंध में नोटिस देना चाहते हैं, वे अपनी पसंद व्यक्त करें। बुलेटिन के अनुसार, इस बारे में स्पीकर का निर्देश आगामी सत्र यानी 16वीं लोकसभा के 15वें सत्र से प्रभावी होगा।