शून्यकाल के दौरान लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि उन्हें खबरों से और समाचारपत्रों से उच्च सदन में दिये गए प्रधानमंत्री के बयान के बारे में जानकारी मिली है। प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री :मनमोहन सिंह: के विरूद्ध कुछ टिप्पणी की, उनका अपमान किया। संसदीय लोकतंत्र में यह ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा का उपयोग करना ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री का यह व्यवहार ठीक नहीं है। उन्हें अपमानजनक बातें नहीं करनी चाहिए। उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
इस दौरान कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे प्रधानमंत्री से माफी मांगने की मांग कर रहे थे।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि दूसरे सदन की बात को इस सदन में उठाने नहीं दिया जा सकता है। उधर की बात इधर करना ठीक नहीं है। दो दिनों से शून्यकाल नहीं हो पाया है और आप :कांग्रेस सदस्य: दूसरों का हक मार रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी कहा कि इस सदन में दूसरे सदन की बात नहीं उठा सकते हैं। शोर शराबे के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को मल्लिकार्जुन खडगे को बात रखने देने का संकेत करते देखा गया।
स्पीकर की ओर से आगे बात रखने की अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में कहा था कि आजादी के बाद 70 साल में हिन्दुस्तान में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका आर्थिक परिदृश्य में इतना दबदबा रहा जितना मनमोहन सिंह का रहा। वे 35 साल तक देश के आर्थिक परिदृश्य के केंद्र में रहे।
उन्होंने कहा था कि हम राजनीतिकों को इनसे काफी कुछ सीखने की जरूरत है। इनके समय इतना सब कुछ हुआ, घोटाले हुए लेकिन इनके उपर एक दाग तक नहीं लगा। बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला डा. साहब ही जानते हैं और कोई नहीं जानता।
पिछले सत्र में नोटबंदी पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था कि विमुद्रीकरण को जिस तरह से लागू किया गया है, वह ऐतिहासिक कुप्रबंधन है और यह संगठित एवं कानूनी लूट का उदाहरण है। भाषा