कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि मोदी सरकार के शासनकाल में नियामक संस्थाओं को ‘नष्ट’ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जनता की मेहनत की कमाई लूटकर बड़ी बनी बहुत सी कंपनियों को ऐसे ही राजनीतिक संरक्षण ने बचा रखा है। नियामक संस्थानों का पतन, जनता के साथ लूट की गारंटी है।’’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि नोटबंदी से पेटीएम को काफी मुनाफा हुआ और विज्ञापनों के मुताबिक इसमें सरकार की मदद भी शामिल थी। उन्होंने कहा, जब कंपनी ने बहुत ऊंची कीमत पर अपने शेयर जारी किए तो आम मध्यम वर्गीय भारतीयों ने उन्हें बड़ी संख्या में खरीदा।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘कल अचानक आरबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं के कारण इस कंपनी के कामकाज पर प्रतिबंध लगा दिया।’’ उन्होंने कहा कि पेटीएम के शेयरों में 75 फीसदी की गिरावट आई है और खबरों के मुताबिक, करीब 18,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
वाड्रा ने कहा, ‘‘यह उन हजारों-लाखों ईमानदार भारतीयों की कमाई का नुकसान है, जिन्होंने इस कंपनी के शेयर खरीदे थे। मोदी जी के शासन में देश की सभी संस्थाएं नष्ट की जा रही हैं। अगर आज सेबी और आरबीआई स्वतंत्र होते तो आम भारतीयों के ये पैसे बचाये जा सकते थे।’’