एक अखबार से विशेष बातचीत में खट्टर ने मोदी के कालेधन के खिलाफ छेड़े अभियान को ऐतिहासिक बताया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री का यह साहसिक कदम इतिहास के पन्नों पर सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगा और इससे देश को दीमक की तरह खा रहे कालेधन का अंत होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि आम आदमी इससे पूरी तरह खुश है। खट्टर ने कहा कि थोड़ी असुविधा हो सकती है लेकिन एक महान यज्ञ में अपनी आहुति डालने के लिए सभी लोग सहज समर्पित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बैंकों के लॉकर में कोई क्या रखता है इस पर कोई नजर नहं है और इसके कारण कई बार बड़ी समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। उन्होने कहा कि गोहाना में हुई बैंक डकैती के बाद ही उन्होने मांग की थी कि लोगों के लॉकरों में रखे जाने वाले सामान का भी हिसाब-किताब होना चाहिए। गोहाना बैंक डकैती के बाद पुलिस ने डकैतों को तो धर दबोचा था। उस वक्त तक लॉकर से लूटे गए सामान का बंटवारा नहीं कर पाए थे डकैत। पर पुलिस ने पाया कि लोगों द्वारा लिखवाई गई अपनी चोरी की चीजों और डकैतों से बरामद सामान की मात्रा में जमीन-आसमान का अंतर था।
खट्टर ने कहा कि उन्होने तब भी वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा था कि वे ऐसी कुछ व्यवस्था करें कि लोगों के लॉकरों में रखे सामान का भी कुछ हिसाब-किताब हो। आज जब देश में कालेधन के खिलाफ एक जोरदार अभियान सरकार ने छेड़ा है, खट्टर के इस सुझाव की सार्थकता सहज ही जाहिर है।