पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा, 'मौजूदा सरकार में टैक्स टेरेरिज्म आम बात हो गई है और देश में एक तरह से अघोषित आपातकाल के हालात हैं। 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गया आपातकाल राजनीति प्रवृत्ति का था लेकिन मौजूदा अघोषित आपातकाल इसके उलट है।'
पूर्व वित्त मंत्री ने 'भारतीय अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र के सामने मौजूद चुनौतियां' विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि जब हम विपक्ष में थे , हम तत्कालीन संप्रग सरकार पर टैक्स टेरेरिज्म में लिप्त होने का आरोप लगाते थे। हमने वादा किया था कि सत्ता में आऩे पर हम इसे खत्म कर देंगे।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि इंदिरा गांधी का आपातकाल मौजूदा आपातकाल से अलग है। एक दिन उन्होंने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी और विपक्ष के लोगों को जेल में डाल दिया गया। इसके साथ ही, मीडिया पर पाबंदी लगा दी गयी। उन्होंने जो कदम उठाये थे, वे राजनीतिक प्रवृत्ति के थे लेकिन हम इस समय जिस आपातकाल का सामना कर रहे हैं, वह अघोषित आपातकाल है, यह एक धीमा जहर है, जो देश की राजनीति में घोला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के फैसले के बाद करीब 20 लाख लोगों ने बैंकों से पैसा जमा कराने के बारे में स्पष्टीकरण मांगा। मौजूदा सरकार के समय में जीएसटी लागू किया गया जिससे लाखों कारोबारियों पर गाज गिरी। पिछले साल 2017 में जीएसटी लागू किया गया जिसमें 357 संसोधन कर दिए गए। देश के टैक्स ढांचे के साथ यह एक मजाक है जिससे हर कोई परेशान हुआ। एक कारोबारी जो गांव से आता है और जहां बिजली तक नहीं है, उससे ऑन लाइन टैक्स फाइल करने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने सवाल किया, 'क्या वह यह कर सकता है?' यह हालात आपातकाल जैसे ही हैं।