कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश में सुनियोजित तरीके से भय, आतंक और हिंसा का माहौल पैदा कर रही है और इसी तरीके को अपनाकर पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है तथा उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।
एक प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने शुरू से ही देश में भय का वातावरण पैदा किया है। यह माहौल बहुत सुनियोजित तरीके से पैदा किया गया और इसके जरिए व्यवस्थित तरीके से संदेश दिया गया कि जो भी उसके खिलाफ बोलेगा या भाजपा के प्रतिकूल बात करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। संविधान के तहत लिखने की आजादी मिली है लेकिन लगातार एनडीए-भाजपा सरकार ने कुठाराघात किया है। जिन पत्रकारों ने विपरीत बात की उन मीडिया संस्थानों को टारगेट किया गया। इस तरह भय और आतंक का माहौल देश में कभी देखा नहीं गया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आह्वान किया कि प्रगतिशील और राष्ट्रवादी ताकतों को लामबंद होकर इसका विरोध करना होगा। उन्होंने कहा कि 2018 शुरु हो गया है और इस सरकार का यह आखिरी साल है। इस साल के आखिर या अगले साल शुरू में नई सरकार चुनने का मौका मिलेगा तो यह साल आत्म चिंतन का साल है। उन्होंने अपील की कि भय और आतंक से अलग आप जिस तरह का भारत चाहते हैं उसका फैसला आपको करना है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 377 के पुनर्विचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह प्रावधान विक्टोरिया काल का है और आधुनिक भारत की 21वीं सदी में इसकी कोई जगह नहीं है। क्या राहुल गांधी मोदी की नकल करने के तहत बहरीन गए हैं, इस सवाल पर उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के नए अध्यक्ष को इतनी समझ तो जरूर है कि जो नरेंद्र मोदी ने पिछले पौने चार साल में किया है उसे बिल्कुल न अपनाया जाए। मोदी सरकार ने विदेश नीति को तहस नहस कर दिया है। तमिलनाडु में सरकार की स्थिति पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल को बहुमत के लिए सदन बुलाना चाहिए जिसे वह नहीं बुला रहे हैं और यह लोकतंत्र के खिलाफ है। प्रदेश की लोकतांत्रिक सरकार अल्पमंत में है और कानून के तहत उसे सदन में बहुमत साबित करना चाहिए।