बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का निर्णय लिया गया है और 15 मई से 28 मई के बीच राज्य में आंकड़ों का संग्रह किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा, "2020 में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत बिहार में 15 से 28 मई तक आंकड़ों का संग्रह किया जाएगा।"
सुशील मोदी ने कहा कि देश में एनपीआर प्रक्रिया 2020 में एक अप्रैल से 30 सितम्बर तक चलायी जाएगी। बिहार में यह 15 मई और 28 मई 2020 के बीच होगी। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों ने एनपीआर करने से इनकार किया तो उनके खिलाफ प्रशासनिक एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को एनपीआर को अपडेट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनपीआर पर गहन चर्चा हुई। बैठक में, प्रधान मंत्री ने धार्मिक उत्पीड़न के कारण पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए मंत्रियों को जनता तक पहुंचने के लिए कहा।
प.बंगाल, केरल के मुख्यमंत्रियों को सीएए, एनपीआर लागू नहीं करने की चुनौती दी
सुशील कुमार मोदी ने पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्रियों क्रमश: ममता बनर्जी और पी विजयन को चुनौती दी कि वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू नहीं करें, यदि वे ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मुद्दे पर चर्चा करने का कोई सवाल नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया है कि सरकार ने इस पर कभी चर्चा नहीं की। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनपीआर और एनआरसी दो अलग अलग चीजें हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान समेत कोई भी राज्य सीएए या एनपीआर लागू करने से इनकार नहीं कर सकता क्योंकि केंद्र को नागरिकता को लेकर कानून लाने का अधिकार है। एनपीआर तैयार करना एक वैधानिक प्रावधान है और कोई भी राज्य इसे लागू करने से इनकार नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी मुख्यमंत्री सीएए और एनपीआर लागू करने से इनकार नहीं कर सकता, चाहे वह इनके विरोध में क्यों न हो। ना पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ना केरल के मुख्यमंत्री वी विजयन ही यह कह सकते हैं कि वे अपने राज्यों में एनपीआर लागू नहीं करेंगे। वे जनता के लिए कुछ भी कह सकते हैं। लेकिन वे सीएए और एनपीआर को ना नहीं कह सकते...पश्चिम बंगाल सहित प्रत्येक राज्य में जनगणना निदेशक की पहले ही नियुक्ति की जा चुकी है।’’
कांग्रेस और राजद पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप
सुशील मोदी ने संवाददाता सम्मेलन शुरूआत में पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम की एक आडियो वीडियो क्लिप चलायी जिसमें वह एनपीआर के समर्थन में बोल रहे हैं और जिसका उद्देश्य निवास कार्ड जारी करना है जो अंतत: नागरिकता कार्ड की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कांग्रेस और राजद पर इसको लेकर और सीएए को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।