राजधानी दिल्ली में भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच जारी सियासी लड़ाई अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक पहुंचने वाली है। भाजपा विधायक 6 सितंबर को राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात कर अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार को उसके मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों सहित कई मुद्दों पर बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने शुक्रवार को कहा कि 'आप' सरकार ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना का भी अपमान किया है। उन्होंने मांग की कि उपराज्यपाल के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल के साथ-साथ उन्हें भेजी गई फाइलों पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। कैबिनेट की बैठक के बाद उन्हें कैबिनेट नोट भेजे जाते हैं। इन सभी अवैध गतिविधियों को देखते हुए इस सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। बिधूड़ी ने कहा कि विधायक छह सितंबर को राष्ट्रपति से मिलेंगे और 'आप' सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन तीन महीने से अधिक समय से जेल में हैं, जबकि सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ आबकारी घोटाले के संबंध में एफआईआर दर्ज की है। सीवीसी ने इस सरकार के शिक्षा घोटाले का पर्दाफाश किया है। डीटीसी घोटाला और दिल्ली जल बोर्ड घोटाला भी सामने आया है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ना तो अपने दागी मंत्रियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की और ना ही उन्हें अपने मंत्रिमंडल से हटाया। केजरीवाल सरकार भ्रष्टाचार को पूरी संरक्षण मुहैया करा रही है।
भाजपा नेता ने 'आप' सरकार पर सभी नियम-कायदों की अनदेखी करके दिल्ली में भ्रष्टाचार और लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। बिधूड़ी ने कहा कि इसलिए इस सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। दिल्ली विधानसभा के अंदर जिस तरह विपक्ष के साथ व्यवहार किया गया, लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई साल में विपक्ष की ओर से दिए गए किसी भी प्रस्ताव पर एक बार भी चर्चा की अनुमति नहीं दी गई। सदन में सीट से उठते ही भाजपा सदस्यों को निष्कासित कर दिया जाता है।
'आप' ने दावा किया था कि भगवा पार्टी ने उसके विधायकों को 'परेशान' करने का प्रयास किया था, लेकिन उनके प्रयास विफल हो गए क्योंकि उनकी 'कट्टर ईमानदार' पार्टी है, जबकि भाजपा ने उनके आरोपों की जांच की मांग की थी।