देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि हथिनीकुंड बैराज से कम से कम पानी छोड़ा जाए, ताकि यमुना का जलस्तर और अधिक ना बढ़े।
केजरीवाल ने पत्र में लिखा, "आज दोपहर 1 बजे दिल्ली में यमुना का स्तर 207.55 मीटर पहुँच गया है। ये खतरे के निशान (205.33 मीटर) से बहुत ऊपर है। इसके पहले यमुना का अभी तक अधिकतर स्तर वर्ष 1978 में पहुँचा था जो कि 207.49 मीटर था। उस वक्त दिल्ली में बाढ़ आ गई थी और काफी गंभीर स्थिति हो गई थी। 207.55 मीटर के स्तर पर अब यमुना में कभी भी बाढ़ आ सकती है।"
"अभी आये सेंट्रल वाटर कमीशन के अनुमान के अनुसार आज रात को यमुना का स्तर 207.72 मीटर पहुँच जाएगा जो कि बहुत चिंता की बात है। तीन दिन से बारिश नहीं हुई है मगर हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से लगातार खतरा बढ़ रहा है। हथिनीकुंड से सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जाना चाहिए, ताकि यमुना का जलस्तर और न बढ़े।"
उन्होंने अनुरोध किया, "जी-20 शिखर सम्मेलन दिल्ली में होना है, ऐसे में अगर दिल्ली में बाढ़ आती है तो दुनिया में इसका अच्छा संदेश नहीं जाएगा। हम सबको मिलकर इस स्थिति से दिल्ली के लोगों को बचाना है।"
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal writes to Union Home Minister Amit Shah
Limited quantity of water should be released from Hathnikund, so that the water level of Yamuna does not increase further. G20 summit is to be held in Delhi so if flood happens in Delhi, it won't send a… pic.twitter.com/iVbBUv8gTR
— ANI (@ANI) July 12, 2023
दिल्ली में यमुना बुधवार को 207.55 मीटर तक बढ़ गई, जिसने 1978 में बनाए गए 207.49 मीटर के अपने सर्वकालिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया। यमुना के अपने उच्च जलस्तर 207.55 मीटर तक पहुंचने के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक आपात बैठक बुलाई है।
गौरतलब है कि मंगलवार दोपहर हथिनीकुंड बैराज से 3 लाख 59 हजार क्यूसेक पानी यमुना में छोड़े जाने के बाद जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। पथराला नदी, सोम नदी और अन्य पहाड़ी नदियों, जो कि यमुना की सहायक नदियाँ हैं, के बढ़े हुए जलस्तर के कारण यमुना के जल स्तर में भी अचानक वृद्धि हुई है।