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दिल्ली चुनाव: आज शाम खत्म होगा प्रचार, पांच फरवरी की चुनावी लड़ाई के लिए सभी दलों ने फूंकी जान

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम पांच बजे से खत्म हो जाएगा। वहीं, पांच फरवरी की चुनावी...
दिल्ली चुनाव: आज शाम खत्म होगा प्रचार, पांच फरवरी की चुनावी लड़ाई के लिए सभी दलों ने फूंकी जान

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार सोमवार शाम पांच बजे से खत्म हो जाएगा। वहीं, पांच फरवरी की चुनावी लड़ाई के लिए प्रचार के आखिरी दिन सभी दलों ने जान फूंक दी है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 25 साल से अधिक समय बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता हासिल करने के अपने प्रयासों को तेज करते हुए चुनाव प्रचार के अंतिम दिन समूची दिल्ली में 22 रोड शो और रैलियां करने का कार्यक्रम बनाया है।

दूसरी ओर, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) अपनी मुफ्त कल्याणकारी योजनाओं के मॉडल पर भरोसा करते हुए लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है।

राष्ट्रीय राजधानी में 2013 तक 15 साल सत्ता संभालने वाली कांग्रेस पिछले दो चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई, ऐसे में वह जमीनी स्तर पर अपने आप को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

इस चुनावी लड़ाई में राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर निशाना साधने के लिए बयानबाजी के साथ-साथ कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-एआई) से तैयार पोस्टर का खूब इस्तेमाल किया और रोड शो के माध्यम से जनता को साधने की कोशिश की।

निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के अनुसार मतदान से 48 घंटे पहले सभी जनसभाएं, चुनाव संबंधी कार्यक्रम और प्रचार निश्चित रूप से बंद हो जाने चाहिए। निर्वाचन आयोग के अनुसार इस अवधि के दौरान सिनेमा, टीवी और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार सामग्री का प्रसार भी प्रतिबंधित है।

इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग भी देखने को मिली। जहां ‘आप’ ने भाजपा को ‘भारतीय झूठ पार्टी’ और ‘गाली गलौज पार्टी’ कहा तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आप’ को ‘आप-दा’ और इसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल को ‘घोषणा मंत्री’ करार देकर पलटवार किया।

दिल्ली की राजनीति में वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस ने केजरीवाल के लिए ‘फर्जी’ और मोदी का ‘छोटा रिचार्ज’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। एआई से बने ‘मीम्स’ और डिजिटल अभियानों के हावी होने के साथ ही इस बार दिल्ली की चुनावी लड़ाई एक अलग ही स्तर पर पहुंच गई।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के आंकड़ों के अनुसार पांच फरवरी को 13,766 मतदान केंद्रों पर 1.56 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं।

इनमें से 83.76 लाख पुरुष, 72.36 लाख महिलाएं और 1,267 ‘थर्ड जेंडर’ के मतदाता हैं। मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए दिव्यांगजनों के लिए 733 मतदान केंद्र निर्धारित किए गए हैं।

निर्वाचन आयोग ने भारत में पहली बार ‘क्यू मैनेजमेंट सिस्टम’ (क्यूएमएस) ऐप्लिकेशन भी शुरू की है, जिससे मतदाता ‘दिल्ली इलेक्शन-2025 क्यूएमएस’ ऐप के माध्यम से मतदान केंद्रों पर वास्तविक समय के अनुसार लोगों की मौजूदगी का पता लगा सकते हैं।

वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए घर से मतदान की सुविधा के तहत 7,553 पात्र मतदाताओं में से 6,980 ने पहले ही अपना वोट डाल दिया है। यह सेवा 24 जनवरी से शुरू हुई जो चार फरवरी तक जारी रहेगी।

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 220 कंपनियां, 19,000 होमगार्ड और दिल्ली पुलिस के 35,626 जवान तैनात किए जाएंगे।

इसके अलावा, ‘डमी’ और ब्रेल मतपत्रों के प्रावधानों सहित 21,584 बैलेट यूनिट, 20,692 कंट्रोल यूनिट और 18,943 वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) तैयार किए गए हैं।

‘आप’ ने 2015 में 70 में से 67 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा को सिर्फ तीन सीट मिली थी और कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई थी।

‘आप’ ने 2020 में 62 सीट के साथ अपना दबदबा कायम रखा, जबकि भाजपा ने आठ सीट जीतीं और कांग्रेस एक बार फिर अपना खाता खोलने में नाकाम रही।

 

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