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'देश याद रखेगा': व्हीलचेयर से राज्यसभा पहुंचे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी बहस

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो गया।...
'देश याद रखेगा': व्हीलचेयर से राज्यसभा पहुंचे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी बहस

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो गया। इस विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हीलचेयर पर संसद पहुंचे थे। मगर उनके संसद में आने पर विपक्ष और भाजपा में मानो बहस छिड़ गई है। विपक्षी नेता मनमोहन सिंह की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं भाजपा ने इसे कांग्रेस की सनक बता दिया है।

दरअसल, विधेयक पर चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खराब स्वास्थ्य के बावजूद व्हीलचेयर पर संसद आए। गौरतलब है कि वोटिंग में विपक्ष को उनकी ज़रूरत थी। मनमोहन सिंह की तारीफ करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि वह ईमानदारी की मिसाल हैं। राघव चड्ढा ने उनका धन्यवाद किया।

आप सांसद ने कहा, "आज राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह ईमानदारी की मिसाल बनकर खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने आये। लोकतंत्र और संविधान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक गहन प्रेरणा है। उनके अमूल्य समर्थन के लिए मैं हृदय से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। धन्यवाद सर।"

मगर पूर्व प्रधानमंत्री के संसद आने पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है और कहा कि यह कांग्रेस की सनक है। भाजपा ने अपने आधिकारिक "X" हैंडल से ट्वीट किया, "याद रखेगा देश, कांग्रेस की ये सनक! कांग्रेस ने सदन में एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी व्हील चेयर पर बैठाये रखा वो भी सिर्फ़ अपना बेईमान गठबंधन ज़िंदा रखने के लिए! बेहद शर्मनाक!"

भाजपा की इस प्रतिक्रिया पर कांग्रेस की तरफ से भी बयान आया है। कांग्रेस को सुप्रिया श्रीनेत ने पलटवार करते हुए कहा, "चरणचंपकों, यह लोकतंत्र के प्रति डाक्टर साहब का समर्पण है - यह इस देश के संविधान में उनकी आस्था है। भाजपा ने अपने बुजुर्गों को भले मानसिक कोमा में धकेल दिया हो - हमारे बड़े हमारी प्रेरणा, हमारा हौसला हैं। अपने आका से कहो कुछ सीखें - भगौड़ा ना बनें।"

गौरतलब है कि राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा के बाद इसके पक्ष में 131 और विपक्ष में 102 वोट पड़े, जिसके पश्चात राज्यसभा से इस बिल को मंजूरी मिल गई। इसके बचाव में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित विधान का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करना है।

विपक्षी गठबंधन इंडिया के सदस्यों ने दिल्ली में नौकरशाही को नियंत्रित करने वाले विधेयक को लेकर सोमवार को राज्यसभा में केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून "असंवैधानिक" है और संघवाद की भावना के खिलाफ है। गौरतलब है कि यह विधेयक पिछले हफ्ते ही लोकसभा में पारित हो गया था।

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