दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अपने तीन मंत्रियों के साथ आईएएस अफसरों की कथित हड़ताल के विरोध पिछले पांच दिनों से उपराज्यपाल निवास पर जमे हुए हैं। उनके इस धरने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीलादीक्षित ने कहा है कि मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि उनकी क्या मांगे हैं और केजरीवाल क्या चाहते हैं। केजरीवाल जिस तरह एलजी के यहां धरना दे रहे हैं उसे देखकर शर्म आती है। हमने भी पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग की थी लेकिन हम जानते थे कि यह संभव नहीं है क्योंकि दिल्ली संघ शासित प्रदेश है।
शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेस में शीला दीक्षित ने कहा कि मैंने मोदी सरकार के अधीन काम करके दिखाया। पहले टर्म में भाजपा सरकार केंद्र में थी तभी से सुधार शुरू कर दिए थे। दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है, केजरीवाल को यह समझना होगा। लड़ाई किस बात की है। लोग जानते हैं यह सब क्यों किया जा रहा है। वह चुने गए हैं, वह कुछ करके दिखाएं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण राज्य की मांग हमने भी की थी लेकिन समझ आ गया था कि नहीं मिल सकता है। जमीन और पुलिस केंद्र देना नहीं चाहती थी और इसके लिए संविधान बदलना होगा। मेरे पास भी कोई अलग शक्ति नहीं थी, चाहे मुख्य सचिव की नियुक्ति हो या कोई और। हमने किसी भी बात को न तो सार्वजनिक किया और न ही बहाना बनाया। जो मुख्य सचिव 1998 में छोड़कर गए थे हमने उन्हें भी नहीं बदला। पहले एक साल में जो बड़े अधिकारियों को नहीं बदला। मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल दोनों की भूमिका तय है। एक दूसरे से काम लेना हो तो मिठास और समझाकर लिया जा सकता है, कोई टकराव थोड़े होता है। यह लड़ाई एलजी और सीएम के बीच है। यह केंद्र सरकार पर निर्भर है कि वह कितना दखल देना चाहती है।
शीला दीक्षित ने कहा, 'दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश है और यह यूपी या हरियाणा जैसा नहीं है। केजरीवाल जी पहले जाकर पढ़ें और समझें। जब हमारा पहला टर्म था तब केंद्र में बीजेपी की सरकार थी। हमने राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर आपसी तालमेल के साथ बेहतर तरीके से कार्यकाल पूरा किया था।' उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस वक्त प्रदूषण के कारण हालात बहुत खराब हैं। ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री का अपने मंत्रियों के साथ धरने पर बैठना बचकानी हरकत है। क्या किसी मुख्यमत्री को कभी धरना देते देखा है। केजरीवाल जी पहले यह तो स्पष्ट करें कि उनकी लड़ाई आखिर किसके साथ है?'
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की पिटाई के बाद यह स्क्रिप्ट लिखी गई। अजय माकन ने केजरीवाल और उनके मंत्रियों के अनशन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज ये एसी कमरों में धरना दे रहे हैं। उन्होंने चीफ सेक्रेटरी के साथ दिल्ली सरकार के विवाद पर कहा, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री आईएएस अधिकारियों से सहयोगी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? वह चीफ सेक्रेटरी को अपने घर आमंत्रित करते हैं और फिर उनके साथ भी मारपीट करते हैं।' हालांकि, दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाने के पक्ष में नहीं है।