कांग्रेस महासचिव ने एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा, विजय सरदेसाई के नेतृत्व वाले गोवा फाॅरवर्ड के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं करना हमारी गलती थी, जिन्हें पर्रिकर विरोधी और भाजपा विरोधी के तौर पर देखा जा रहा था।
दिग्विजय सिंह का ट्वीट वस्तुत: उन मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया है जिसमें कहा गया था कि गोवा में राजनैतिक घटनाक्रम इस बात का संकेत देते हैं कि भारत कांग्रेस मुक्त हो रहा है। कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में मीडिया के नजरिये को पूरी तरह पूर्वाग्रहग्रस्त बताया कि पार्टी ने सबसे अधिक सीटें जीतने के बाद अपने नेता के बारे में फैसला करने में समय लिया। कांग्रेस ने विधायक दल के नेता पर फैसला करने के लिए कुछ घंटे से अधिक वक्त नहीं लिया और राहुलजी ने खुली छूट दी थी। लेकिन आखिरी क्षण में विजय सरदेसाई ने अपने मार्गदर्शकों को धोखा देकर पर्रिकर और गडकरी से हाथ मिला लिया। जबकि उनके मार्गदर्शक चाहते थे कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन करें।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, लेकिन मैं विजय सरदेसाई पर दोषारोपण नहीं करता हूं क्योंकि उनके और प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के बीच विश्वास की कमी थी। सिर्फ भाजपा और पर्रिकर पर दोषारोपण किया जाना चाहिए, जिन्होंने गोवा की जनता के जनादेश को चुरा लिया।