उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि दिग्विजय वास्तव में गोवा में कांग्रेसी सरकार बनाना चाहते थे या नहीं। उनके क्रियाकलापों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता (कि उन्होंने कुछ किया)। राणे ने गोवा विधानसभा में गुरुवार को शक्ति परीक्षण के दौरान पार्टी ह्विप का उल्लंघन करते हुए कांग्रेस को झटका दिया और उन्होंने खुद को अनुपस्थित रखा। पूर्व मुख्यमंत्री प्रतापसिंह राणे के बेटे विश्वजीत ने आरोप लगाया कि गोवा विधानसभा चुनावों में17 सीटें जीतने के बाद पार्टी कार्यालय में कांग्रेस विधायक दल की बैठक महज मजाक थी।
उन्होंने कहा कि बैठक लंबे वक्त तक चली और कुछ भी फैसला नहीं हुआ। पूरे दिन मीडिया होटल के बाहर खड़ी रही और बैठक चलती रही। वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने दिल्ली में अपने नेताओं के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की और जल्द उन्होंने गठबंधन कर लिया। राणे ने कहा कि जब बीजेपी और गठबंधन सहयोगियों ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को समर्थन का पत्र दिया तो कांग्रेस सोकर उठी और हरकत में आई। राणे ने कहा कि अगर दिगंबर कामत को विधायक दल का नेता चुना जाता तो गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने और सरकार बनाने की मंशा जताई होती। उन्होंने दावा किया कि लेकिन पार्टी ने जीएफपी के प्रस्ताव पर चर्चा करने में समय लिया और उसने सरकार बनाने का अवसर गंवा दिया। तीन बार विधायक रहे राणे ने कहा कि वह वालपोई सीट से फिर से चुनाव लड़ेंगे और उन्होंने दोहराया कि वह सभी विकल्पों के लिए खुले हैं और यहां तक कि बीजेपी के टिकट पर लड़ने को तैयार हैं।