बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को संसद में शुरू होने वाले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों को "दलीय राजनीति से ऊपर उठकर" ही यह चर्चा करनी चाहिए।
संसद के मानसून सत्र में व्यवधान के पहले सप्ताह में सोमवार से पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी बहस होने की संभावना है, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े इन दो मुद्दों पर आमने-सामने होने की तैयारी कर रहे हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी दलों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारने की उम्मीद है।
मायावती ने हिंदी में एक्स पर पोस्ट किया, "आज संसद में शुरू हो रहे 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाग लेना चाहिए।"
बसपा प्रमुख ने इसी पोस्ट में कहा, "आगे बढ़ते हुए सरकार और विपक्ष को एक ठोस रणनीति के तहत मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी महिला का सिंदूर न मिटने पाए और किसी मां को अपना बेटा न खोना पड़े; यह समय की मांग भी है।"
सूत्रों ने रविवार को बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर बोलेंगे। इस बीच संकेत मिल रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के खिलाफ अपनी सरकार के 'मजबूत' रुख से अवगत कराने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं।
लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता क्रमश: राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव तथा अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ आरोप का नेतृत्व कर सकते हैं।
लोकसभा की सूचीबद्ध कार्यसूची के अनुसार, सदन में "पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा" होगी।