तीन तलाक विधेयक पर लोकसभा में 27 दिसंबर को चर्चा होगी और इसे पारित किया जाएगा। इस दौरान भाजपा ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर मौजूद रहने के लिए कहा है। विधेयक एक बार लोकसभा में पास हो चुका है लेकिन राज्यसभा ने कुछ संशोधनों के साथ इसे वापस किया है। ऐसे में इसे लोकसभा में दोबारा पारित होना जरूरी है।
विधायी कार्यसूची के तहत इस विधेयक पर 20 दिसंबर को चर्चा होनी थी लेकिन सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आग्रह पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे 27 दिसंबर की कार्यसूची में शामिल करने का फैसला किया। इसके लिए भाजपा ने तीन लाइन का व्हिप जारी किया है और अपने सभी सांसदों को 27 दिसंबर को दिन भर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है।
खड़गे ने कहा कि मैं आश्वासन देता हूं कि इस पर 27 दिसंबर को चर्चा हो जिसमें हम सभी भाग लेंगे। इस पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए क्योंकि एक अहम विधेयक है। इस पर हम अपनी बात रखेंगे और सरकार अपना पक्ष रखेगी।
संशोधनों के साथ लाया गया है विधेयक
इससे पहले सितंबर में तीन तलाक से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पेश किया गया था जिसमें एक बार में तीन तलाक देना अवैध होगा और अपराध सिद्ध होने पर पति को तीन साल तक की सजा हो सकती है। लोकसभा में यह पारित हो गया था लेकिन पिछली बार राज्यसभा में विपक्षी दलों के जबर्दस्त विरोध के बाद सरकार ने कुछ संशोधन किए थे। पहले जमानत का प्रावधान नहीं था लेकिन अब उसमें यह धारा जोड़ दी गई है। इसे फिर से लोकसभा में लाया गया है जिसे चर्चा के बाद फिर से पारित किया जाएगा।