देश के कई राज्यों कैश की कमी ने आज जनता को परेशान कर दिया है। एटीएम बिना पैसों के खाली पड़े हुए हैं। इस स्थिति को सरकार जहां ‘कैश की अस्थाई कमी’ बता रही है। वहीं विपक्ष ने इसे ‘वित्तीय आपातकाल’ करार दिया है।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, और तेलंगाना राज्यों में कैश की भारी कमी बताई जा रही है। हालांकि केन्द्र सरकार की ओर से पर्याप्त मुद्रा होने की बात कही जा रही है। लेकिन फिलहाल आम लोग नकदी के लिए भटक रहे हैं। राजनीतिक दल इसकी तुलना नोटबंद के दौरान उपजे हालात से भी कर रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इसे वित्तीय आपात स्थिति कहा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी ने कहा था कि 50 दिनों में सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन अब 1.5 साल से अधिक बीत गए हैं, और अभी भी नकदी की कमी बनी हुई है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी केन्द्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। राहुल गांधी ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने देश की बैंकिंग प्रणाली को नष्ट कर दिया है।
राहुल ने कहा, “मोदी जी ने बैंकिंग प्रणाली को नष्ट कर दिया है। नीरव मोदी 30,000 करोड़ रुपए लेकर भाग गए और प्रधान मंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा। हमें कतारों में खड़े रहने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने हमारी जेब से 500-1000 रुपये नोटों को छीन लिया और नीरव मोदी की जेब में डाल दिया।”
उन्होंने आगे कहा, “प्रधान मंत्री संसद में खड़े होने से डरते हैं। हमें 15 मिनट का भाषण मिल जाए तो संसद भवन में प्रधान मंत्री खड़े नहीं हो पाएंगे, चाहे राफेल का मामला हो या चाहे वो नीरव मोदी का मामला हो।”
वहीं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है, “बिहार में विगत कई दिनों से अधिकांश एटीएम बिल्कुल खाली है। लोगों के सामने गंभीर संकट है। लोगों का बैंकों में जमा अपना पैसा भी बैंक जरूरत के हिसाब से उन्हें नहीं दे रहे है। नोटबंदी घोटाले का असर इतना व्यापक है कि बैंको ने हाथ खड़े कर रखे है। नए नोट सर्कुलेशन से क्यों गायब है?”
सरकार ने बताया अस्थाई कमी, जल्द होगी आपूर्ति
इस संबंध में आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा है कि भारत सरकार यह आश्वस्त करना चाहती है कि करेंसी नोटों की पर्याप्त आपूर्ति हुई है। यह भी आश्वासन देना चाह रही है कि आने वाले दिनों / महीनों में अधिक मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त करेंसी की आपूर्ति होगी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विभाग ने दावा किया है कि एटीएम में नकदी की आपूर्ति के साथ जल्द से जल्द नहीं चलने वाले एटीएम को सामान्य करने के लिए सरकार सभी कदम उठा रही है।
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव एससी गर्ग ने जानकारी दी, “हम 500 करोड़ (500 के नोट) रुपये प्रति दिन प्रिंट करते हैं। हमने उत्पादन को पांच गुना बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। अगले कुछ दिनों में, हम प्रति दिन लगभग 2500 करोड़ (500 के नोट) रुपये की आपूर्ति करेंगे। एक महीने में यह आपूर्ति लगभग 70000-75000 करोड़ होगी।”
मांग में वृद्धि से आई समस्या, देश में कैश की कमी नहीं: जेटली
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में मुद्रा प्रचलन में है। बैंकों के पास भी उपलब्ध है। कुछ क्षेत्रों में 'अचानक मांग में असामान्य वृद्धि' की वजह से अस्थायी कमी आई है। इसे जल्दी निपटाने की कोशिश की जा रही है।
कई राज्यों के पास ज्यादा पैसा, कई के पास कम: शिव प्रताप शुक्ला
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि कैश की किल्लत दो-तीन दिन में दूर हो जाएगी और देश में नकदी की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा, “अभी हमारे पास रुपये 1,25,000 करोड़ की नकद मुद्रा है। समस्या यह है कि कुछ राज्यों में कम मुद्रा है और कुछ के पास ज्यादा है। सरकार ने राज्यवार समिति बनाई है और आरबीआई ने एक राज्य से दूसरे राज्य में मुद्रा हस्तांतरण के लिए एक समिति का गठन किया है। यह 3 दिनों में किया जाएगा।”
शिवराज ने करार दिया साजिश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने इसे साजिश करार दिया है। कैश की किल्लत को लेकर मध्यप्रदेश के शाजापुर में मुख्यमंत्री किसानों की एक सभा में शिवराज सिंह चौहान ने इस पर बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है, ‘’दो हजार के नोट को साजिश के तहत चलन से गायब किया जा रहा है।’’ समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक शिवराज ने कहा कि बाजार में 16.5 लाख करोड़ नोट छापे गए और वितरित किए गए, लेकिन 2000 रुपये नोट्स कहां हैं? नकदी की कमी पैदा करने की कौन कोशिश कर रहा है? यह समस्या बनाने की साजिश है और राज्य सरकार इस पर सख्त कार्रवाई करेगी, वे केंद्र के संपर्क में हैं।