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दुर्गा लाल, जिसने 15 साल पहले खाली पैर रहने का लिया था संकल्प, अब सीएम कमलनाथ ने पहनवाए जूते

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की जमात 15 सालों से भाजपा को हटाकर सत्ता पाने के ख्वाब बुन रही...
दुर्गा लाल, जिसने 15 साल पहले खाली पैर रहने का लिया था संकल्प, अब सीएम कमलनाथ ने पहनवाए जूते

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की जमात 15 सालों से भाजपा को हटाकर सत्ता पाने के ख्वाब बुन रही थी। सपना पूरा हुआ और राज्य की बागडोर कांग्रेस के हाथों में आ गई। इस ख्वाब को देखने और पूरा होने के दरमियान एक ऐसे शख्स की चर्चा हो रही है जिसने 15 साल पहले संकल्प लिया था कि जब तक राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी वह जूता या चप्पल नहीं पहनेगा। ....वह अपने वादे पर कायम रहा।

दरअसल राजगढ़ के कांग्रेस कार्यकर्ता दुर्गा लाल किरार (40) पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के प्रशंसक हैं।  उन्होंने अनोखी शपथ ली थी कि जब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी, तब तक वह जूता नहीं पहनेंगे। 15 के लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद आज जब संकल्प पूरा हुआ तो बुधवार को खुद कलनाथ ने उन्हें अपने भोपाल स्थित निवास पर बुलाकर जूते पहनवाए। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इस कार्यकर्ता के संकल्प को सलाम किया और पार्टी के प्रति निष्ठा दिखाने के लिए जमकर तारीफ की।

इसे लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया, “आज निवास पर राजगढ़ के कार्यकर्ता श्री दुर्गा लाल किरार से मिलकर उन्हें जूते पहनाएं, उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नही बनेगी तब तक जूता नहीं पहनेंगे। ऐसे कार्यकर्ताओं को सलाम है जो पूरी निष्ठा से कांग्रेस के लिए दिन रात मेहनत करते है।”


 सत्ता जाने के बाद दिग्विजय ने ली थी ये शपथ

दुर्गा लाल किरार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बड़े समर्थक हैं और जिस प्रकार प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता से बेदखल होने के बाद दिग्विजय सिंह ने ये शपथ ली थी कि वो दस साल तक चुनाव नहीं लडेंगे। ठीक वैसे ही दुर्गा लाल किरार ने ली ये शपथ ली थी कि वो तब तक पैरों में जूते नहीं पहनेंगे, जब तक कांग्रेस सत्ता में नहीं लौटेगी और दोनों की ही शपथ पूरी हुई।

अपने को कार्यकर्ताओं से ऊपर न समझें

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मंत्रियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने मंत्रियों से कहा कि कार्यकर्ताओं से ऊपर अपने को न समझें। अगर कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री या मंत्री ने 10 मिनट से ज्यादा इंतजार कराया तो राहुल गांधी बाहर करने में देरी नहीं करेंगे।

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