चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी राजेश देव के व्यवहार को अनुचित मानते हुए उनके काम करने की शैली पर बहुत ही तीखी टिप्पणी की है। तत्काल प्रभाव से दिल्ली चुनाव के कामकाज से अलग करते हुए आयोग ने उन्हें कड़ी चेतावनी भी जारी की है। आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि डीसीपी राजेश देव को चुनाव संबंधित कोई भी काम ना दिया जाए। राजेश देव पर आरोप है कि मंगलवार को उन्होंने शाहीन बाग में गोली चलाने वाले आरोपी की पहचान राजनीतिक दल के कार्यकर्ता के रूप में बताई।
बता दें कि देव ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि शाहीन बाग में शनिवार को गोलीबारी करने वाला कपिल बैसला आम आदमी पार्टी का सदस्य है। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया।
डीसीपी पर ये हैं आरोप
दरअसल, दिल्ली पुलिस के डीसीपी राजेश देव ने मंगलवार को मीडिया को बताया था कि आरोपी के मोबाइल फोन से मिली तस्वीर से यह खुलासा हुआ है कि वह आम आदमी पार्टी (आप) का सदस्य है। चुनाव आयोग ने कहा कि हमारा मानना है कि जब राजधानी में चुनाव होने वाले हैं फिर ऐसे वक्त में किसी जांच में राजनीतिक पार्टी का जिक्र करना अनुचित है। राजेश देव के बयान से चुनाव की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है।
चुनाव आयोग ने आदेश में क्या कहा
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि अभी इस मामले की जांच चल रही थी और डीसीपी राजेश देव ने एक तरह से यह जानकारी सार्वजनिक कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की है, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी लिहाजा उनको चुनाव प्रक्रिया से दूर रखा जाए।
आम आदमी पार्टी ने की थी चुनाव आयोग से शिकायत
आम आदमी पार्टी ने इस बारे में चुनाव आयोग से शिकायत की थी। आयोग के सेक्रेटरी अजय कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के कमिश्नर आयोग के आदेश का पालन करते हुए गुरुवार को शाम 6 बजे तक रिपोर्ट दें। साथ ही राजेश देव के गलत व्यवहार को उनके सर्विस रिकॉर्ड में भी दर्ज करने को कहा गया है।
डीसीपी राजेश देव के बयान के बाद किस तरह हुई राजनीति
गौरतलब है कि डीसीपी राजेश देव की तरफ से दी गई जानकारी के बाद बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर अपने कार्यकर्ताओं के जरिए शाहीन बाग और जामिया में माहौल खराब करने का आरोप लगाया था। वहीं, आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया था कि पुलिस ने साजिश के तहत इस तरह की जानकारी फैलाई है जिसे कि चुनाव प्रभावित हो सके।
केजरीवाल दोषी, प्रवेश वर्मा के प्रचार पर रोक, पात्रा को भी नोटिस
वहीं, एक दूसरे मामले में चुनाव आयोग ने आचार संहिता के एक मामले में दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल को दोषी माना है। उन्होंने एक कार्यक्रम में आचार संहिता के दौरान मोहल्ला क्लिनिक खोलने का ऐलान किया था। आयोग ने आगे से उन्हें सावधान रहने को कहा है। वहीं, बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा पर प्रचार करने पर एक और बैन लगाया है। उधर आपत्तिजनक बयान देने के मामले में संबित पात्रा को भी नोटिस दिया है।