कोलकाता में हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल में आज रात दस बजे से चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करने के फैसले पर डीएमके नेता एम के स्टालिन ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। डीएमके नेता ने कहा है कि चुनाव आयोग के पास विपक्ष के लिए एक और सत्तारूढ़ पार्टी के लिए दूसरा नियम है। इससे पहले कई विपक्षी दलों ने इस फैसले पर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा किया है।
डीएमके प्रमुख एम के स्टालिन ने कहा कि चुनाव आयोग ने सरकार और विपक्ष के लिए अलग-अलग कानून बना रखा है। पश्चिम बंगाल की नौ लोकसभा सीटों पर पूर्व निर्धारित समय से पहले चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगाने का फैसला निंदनीय है।
भाजपा पर 19 वीं सदी के समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा पर हमला करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा एक विशिष्ट पैटर्न का अनुसरण करती है। इसने तमिलनाडु में पेरियार की और पश्चिम बंगाल में ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा पर हमला किया।‘
विपक्ष ने आयोग पर साधा निशाना
इससे पहले चुनाव आयोग के फैसले को ममता बनर्जी ने पक्षपातपूर्ण तो कांग्रेस ने भाजपा के पक्ष में चुनावी गिफ्ट बताया है। वहीं बसपा ने चुनाव आयोग को केंद्र के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया है। ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के फैसले को असंवैधानिक, असंवैधानिक, गैर-कानूनी, पक्षपातपूर्ण और अनैतिक बताते हुए आरोप लगाया है कि आयोग भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से डरा हुआ है और उन्हीं के इशारे पर उसने यह फैसला लिया है। ममता ने यह भी कहा कि मैंने ऐसा चुनाव आयोग पहले न कभी देखा और न ही सुना है। बंगाल में कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है।
मोदी की रैलियों पर क्यों नहीं लगाई रोकः मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के पीछे भाजपा और आरएसएस हैं। चुनाव आयोग केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहा है। ममता बनर्जी को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बंगाल में चुनाव प्रचार पर रोक लगानी ही थी तो मोदी की प्रस्तावित दो रैलियों के बाद रोक क्यों लगाई। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि आदर्श आचार संहिता अब मोदी संहिता बन गई है जिसका इस्तेमाल विपक्ष की आवाज को दबाने में किया जा रहा है।
हिंसा के बाद लिया फैसला
देश के चुनाव इतिहास में पहली बार चुनाव आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की नौ सीटों पर प्रचार तय समय सीमा से एक दिन पहले गुरुवार रात दस बजे खत्म करने के आदेश दिये थे। आयोग ने यह निर्णय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान कोलकाता में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा के बाद किया।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के पहले छह चरणों में 33 सीटों पर चुनाव हुए हैं। बाकी नौ सीटें 19 मई को आखिरी दौर में होंगे। मतों की गिनती 23 मई को होगी।