कांग्रेस ने चुनाव आयोग के वीवीपैट से मिलान के फैसले पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि चुनाव आयोग पूरी तरह अपनी साख खो चुका है। 'आदर्श आचार संहिता' 'मोदी प्रचार संहिता' बन गई है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेस में सिंघवी ने कहा कि ईसी का मतलब ‘इराडिकेटेड क्रेडेबिलिटी’ है और ईवीएम भाजपा के लिए ‘इलैक्ट्रानिक विक्ट्री मशीन’ हो गया है। उन्होंने कहा कि ईसी ने विपक्ष की सौ फीसदी वीवीपैट के मिलान की मांग को खारिज कर दिया है और इसकी औपचारिक तौर सूचना देना भी मुनासिब नहीं समझा। आयोग ने खारिज करने के अपने 15-20 आदेशों में 4 लाइन से ज्यादा कुछ नहीं कहा और न ही कोई कारण बताया। उम्मीद है कि आयोग मांग खारिज करने का समुचित कारण जरूर बता देगा।
'नहीं थी किसी रॉकेट साइंस की जरूरत'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एक विधानसभा में पांच वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा जिसके लिए हमने इनकी शुरू में गिनती करने की मांग रखी थी न कि आखिर में। इसमें किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है। इसे शुरू में गिना जा सकता है न कि 5, 7, 10 या 14वें दौर की गणना के बाद। इस मांग को भी नहीं माना गया। हमारी मांग का 22 विपक्षी दलों ने समर्थन किया था। अगर आयोग हमारी मांग मान लेता तो इससे उसकी साख ही बनती।
चुनाव आयोग से यह की थी मांग
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मंगलवार को कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 विपक्षी दलों के नेता चुनाव आयोग पहुंचे थे और उन्होंने ईवीएम के सभी वोटों से वीवीपैट मिलान की मांग की थी जिसे चुनाव आयोग ने बुधवार को खारिज कर दिया। विपक्षी दलों ने यह भी कहा था कि यदि किसी एक मतदान केंद्र पर भी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान सही नहीं पाया जाता तो संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती की जाए।