चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर निर्देश दिए हैं कि बिना सर्टिफिकेशन के राजनीतिक कंटेंट का प्रसारण नहीं होना चाहिए। साथ ही आयोग ने बिना अनुमति के दिखाई जा रहे कंटेंट तत्काल प्रभाव से हटाने के लिए कहा है।
चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को कहा कि वह नमो टीवी पर प्रसारित होने वाले राजनीतिक कंटेंट पर रोक लगाना तय करें और कमिटी की मंजूरी के बिना नमो टीवी पर कोई कंटेंट प्रसारित न किया जाए।
बिना सर्टिफिकेशन के हो रहा था प्रसारण
आयोग ने दिल्ली की सीईओ को भेजे पत्र में कहा है कि नमो टीवी या कंटेंट टीवी पर किसी भी राजनीतिक कंटेंट को बिना सर्टिफिकेशन के प्रसारित नहीं करने दिया जाए और इसका कड़ाई से पालन किया जाए। साथ ही आयोग ने इस पर अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है। चुनाव आयोग ने सीईओ को लिखा है, 'आपने यह पुष्टि की है कि 'नमो टीवी' पर प्रसारित हो रहे कंटेंट को आपके कार्यालय के एमसीएमसी कमिटी की तरफ से पूर्व में सर्टिफाइड नहीं किया गया है।'
शुरू से रहा है विवादित
31 मार्च को नमो टीवी देश की कुछ डीटीएस सर्विस पर लॉन्च हुआ था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण, भारतीय जनता पार्टी का चुनावी प्रचार, मोदी सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा था। चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर सख्ती दिखाते हुए और भारतीय जनता पार्टी से जवाब मांगा था। इतना ही नहीं नमो टीवी को चुनाव आयोग ने एक राजनीतिक विज्ञापन की श्रेणी में रखा था। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने चुनाव आयोग को दिए अपने जवाब ने कहा था कि यह कोई चैनल नहीं है इसलिए इसे किसी तरह की परमिशन की जरूरत नहीं है।
आप और कांग्रेस ने दर्ज कराई थी शिकायत
इससे पहले बुधवार को चुनाव आयोग ने नमो टीवी के प्रसारण पर भी रोक लगाने का आदेश दिया था। नमो टीवी को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। कांग्रेस ने आयोग से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की थी। वही, आम आदमी पार्टी ने आयोग से अपने शिकायती पत्र में कहा था कि क्या आचार संहिता लागू होने के बाद किसी राजनीतिक दल को अपना चैनल शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है।