कांग्रेस ने राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी और उसके सहयोगी की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तथा आयकर विभाग भारतीय जनता पार्टी के ‘प्रचारक और फ्रंटलाइन वरियर्स’ के रूप में काम कर रहे हैं।
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह दावा भी किया कि केंद्रीय एजेंसियों को यह लक्ष्य दिया जाता है कि वे विपक्षी नेताओं को डराकर भाजपा में शामिल कराएं तथा यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘टूलकिट’ है।
राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक टीम ने मणिपुर में तैनात ईडी के एक अधिकारी और उसके सहयोगी को कथित रूप से परिवादी से 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अधिकारी चिटफंड मामले में गिरफ्तार नहीं करने के एवज में आरोपी से 15 लाख रुपये मांग रहा था। खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश के जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी है, वह खुद रिश्वत ले रहे हैं। राजस्थान में ईडी के दो अधिकारी चिटफंड मामले को रफा-दफा करने के लिए 15 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार निष्पक्ष संस्थाओं को कुचल रही है और यह देश के सामने एक गंभीर खतरा है।
खेड़ा ने ईडी अधिकारी की गिरफ्तारी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मोदी सरकार को ईडी की ‘रेट लिस्ट’ सार्वजनिक करनी चाहिए। अगर छोटे लेवल के अधिकारियों की ‘रेट लिस्ट’ 15 लाख रुपये है तो इनसे ऊपर के अधिकारियों का क्या रेट होगा?’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग, ये सभी भाजपा के प्रचारक हैं। इनको टारगेट दिया जाता है कि किस तरह से विपक्षी नेताओं को डराकर भाजपा में शामिल करवाना है। ये मोदी जी का टूलकिट है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां विपक्ष का शासन होता है वहां केंद्र सरकार अपने ‘फ्रंटलाइन वॉरियर्स’ को भेज देती है।
खेड़ा ने कहा, ‘‘कांग्रेस चाहती है कि देश की जांच एजेंसियां शक्तिशाली और निर्भीक रहें। जब तक नेता विपक्ष में हैं, वह भष्टाचारी हैं… लेकिन भाजपा में शामिल होते ही वे पाक़ साफ हो जाते हैं। हम मोदी सरकार से कहना चाहते हैं कि आप इन एजेंसियों को मजबूत कीजिए, मजबूर नहीं।’’