लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उत्तरी मुंबई सीट से चुनाव में हार का सामना करने वाली उर्मिला मातोड़कर ने प्रचार में पार्टी कार्यकर्ताओं पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है। उर्मिला ने अपने लोक सभा क्षेत्र के स्थानीय नेताओं पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ दिया है। उन्होंने दावा किया है कि स्थानीय स्तर पर पार्टी नेतृत्व की विफलता और मुंबई इकाई में असहयोग ने उनके चुनाव प्रचार में बाधाएं पैदा कीं।
दरअसल, उर्मिला मातोंडकर ने तत्कालीन मुम्बई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को पत्र लिखकर अपनी हार के लिए स्थानीय नेताओं की काबिलियत, कमजोर प्लानिंग, कार्यकर्ताओं से बेरुखी और पैसों की कमी पर रोने की शिकायत की।
16 मई को यह लेटर लिखा गया है। लेकिन उर्मिला की तरफ से इस लेटर के बारे में अब जानकारी सामने आ रही है।
इन दो नेताओं को ठहराया जिम्मेदार
पत्र में उर्मिला ने अपने चुनाव प्रचार के लिए नियुक्त चीफ कॉर्डिनेटर सन्देश कोंडविलकर और दूसरे पदाधिकारी भूषण पाटिल और जिला अध्यक्ष अशोक सूत्राले को जिम्मेदार ठहराया है। 16 मई को लिखे पत्र में उर्मिला मातोंडकर ने कहा है कि उन्होंने जीत के लिए कड़ी मेहनत की लेकिन कांग्रेस संगठन से अपेक्षित सहयोग नही मिला खासकर ऊपर नाम लिखे नेताओं से।
आपको बता दें कि राजनीति में पहली बार हाथ आजमा रहीं उर्मिला को कांग्रेस ने नॉर्थ मुंबई से टिकट दिया था। लेकिन उनको बीजेपी के गोपाल शेट्टी ने हरा दिया।
कांग्रेस में मंथन जारी
फिलहाल लोकसभा में हार को लेकर कांग्रेस में मंथन जारी है। राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस के पदाधिकारियों ने इस्तीफे दिया है। इसी कड़ी में मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष से मिलिंद देवड़ा ने इस्तीफा दे दिया है। देवड़ा ने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भूमिका निभाने की आशा करते हैं। देवड़ा ने इस साल के आखिर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तक नगर पार्टी इकाई के कामकाज की देखरेख के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की सदस्यता वाला एक अस्थायी सामूहिक नेतृत्व (समिति) गठित करने की सिफारिश की है।