दत्तात्रेय होसबाले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नया सरकार्यवाह (महासचिव) चुना गया है। वह पिछले चार बार से संघ के नंबर दो की पोस्ट संभाल रहे भैय्या जी जोशी की जगह लेंगे। होसबाले का संघ (आरएसएस) के महासचिव के रूप में संगठन में एक पीढ़ीगत बदलाव का संकेत है। माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार और संघ के बीच निकटता बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।।
आरएसएस पदानुक्रम में महासचिव नंबर दो है, लेकिन सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए, वह संगठन के वास्तविक कामकाज को नियंत्रित करता है। आरएसएस के संविधान के अनुसार, आरएसएस प्रमुख "मार्गदर्शक और दार्शनिक" के रूप में कार्य करते हैं। जबकि महासचिव ही केंद्रीय पदाधिकारियों की नियुक्ति करता है और आरएसएस की औपचारिक बैठकों की अध्यक्षता करता है। चार सर कार्यवाह या संयुक्त महासचिव उसकी सहायता करते हैं।
उनके पूर्ववर्ती भैय्या जी जोशी को भाजपा से दूरी बनाए रखने के लिए जाना जाता था, लेकिन यह अब बदल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दत्ता जी के बीच अच्छे संबंध हैं। दत्ता जी के पार्टी के कामकाज से अधिक सक्रिय रूप से जुड़े होने की संभावना है। उन्होंने 2017 के आखिरी यूपी विधानसभा चुनावों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, चुनाव से एक साल पहले अपना आधार लखनऊ स्थानांतरित कर दिया। वह संघ प्रबंधन के सभी पहलुओं में शामिल थे।
होसबाले को सरकार्यवाह चुने जाने की घोषणा बेंगलुरु में शनिवार को आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में की गई। होसबाले 2009 से आरएसएस के सह-सरकार्यवाह थे। उनका आरएसएस के सरकार्यवाह के पद पर सर्वसम्मति से चयन हुआ है और वह अब पिछले 12 वर्ष से इस पद पर काबिज सुरेश भैयाजी जोशी का स्थान लेंगे। उनका जन्म एक दिसम्बर 1955 को कर्नाटक के शिमोगा जिले के सोराबा तालुक में हुआ था। उन्होंने अंग्रेज़ी विषय से स्नातकोत्तर तक शिक्षा ग्रहण की है।