कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हुए कहा है कि सरकार लाखों मजदूरों की सुरक्षित उनकी घर वापसी सुनिश्चित करें और सभी के खाते में कम-से-कम 7,500 रुपये जमा करें। साथ ही राहुल गांधी ने लघु और मध्यम उद्योग के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने का भी आग्रह किया है। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि एक दो दिनों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस पैकेज को किस तरह से दिया गया है। यह पैकेज सकल घरेलु उत्पाद का 10 फीसदी है। साथ ही पीएम मोदी ने नए नियमों के साथ लॉकडाउन-4 की बात कही है।
जब भी उनके बच्चे आहत होते हैं तो माताएं रोती हैं: राहुल गांधी
अपने वीडियो संदेश को ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “प्रधान मंत्री जी मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि लाखों मजदूर भाइयों-बहनों को, जो सड़कों पर चल रहे हैं, उनके घर वापस भेजने की सुरक्षित वापसी के लिए घोषणा करें। इसके साथ ही, संकट के इस समय में उन्हें समर्थन देने के लिए सभी के खाते में कम-से-कम 7,500 रुपये की राशि सुनिश्चित करें। अपने ट्वीट में राहुल ने यह भी लिखा कि जब भी उनके बच्चे आहत होते हैं तो माताएं रोती हैं।
'करोड़ों लोग सड़क पर भूखे-प्यासे, भारत माता रो रही हैं'
राहुल गांधी ने कहा कि भारत माता आज इसलिए रो रही हैं क्योंकि उनके करोड़ों बच्चे भूखे-प्यासे सड़कों पर चल रहे हैं। इसलिए, मैं सरकार से उनकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने, उनके बैंक खातों में पैसा जमा करने और उनकी आजीविका सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं।
पैकेज मजदूर और किसान के लिए: पीएम
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आर्थिक पैकेज का ऐलान करते हुए कहा कि यह पैकेज देश के उन श्रमिकों, किसानों के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहे हैं। ये पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। आगे पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और कानून सभी पर बल दिया गया है। ये पैकेज कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, एसएसएसईके लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है, जो आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भरता, आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है। आत्मनिर्भरता, ग्लोबल सप्लाई चेन में कड़ी स्पर्धा के लिए भी देश को तैयार करती है।