कांग्रेस ने गुजरात में ईवीएम मशीनों की न्यायिक जांच की मांग चुनाव आयोग से की है। ईवीएम में गड़बड़ी की नई शिकायतों के मद्देनजर पार्टी ने यह मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश के निकाय चुनाव में ईवीएम मशीनों में गड़बडी की शिकायत मिली है। शिकायत के बाद इनमें से कुछ मशीनों की जांच करने पर पता चला कि कोई भी बटन दबाने से वोट भाजपा के चुनाव चिह्न कमल पर पड़ रहा था।
उन्होंने कहा कि गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में भ्रम की स्थिति को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के जज या किसी रिटायर जज से ईवीएम मशीनों की जांच करानी चाहिए। इससे लोगों का ईवीएम पर विश्वास बढ़ेगा और चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र तरीके से होने का भरोसा कायम रहेगा। सिंघवी ने भाजपा पर लोकतंत्र को मजबूत करने वाली हर संस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लोभ, लालच और लूट भाजपा की कार्यशैली का हिस्सा है। रिश्वतखोरी, खरीद-फरोख्त के बिना भाजपा चल ही नहीं सकती। भाजपा एक के बाद एक हर उस संस्था को कमजोर कर रही है जिससे लोकतंत्र मजबूत होता है।
उन्होंने कहा कि हार्दिक पटेल ने साफ तौर पर बुधवार को प्रेस कांफ्रेस में कहा कि उऩ्हें गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के मुख्य प्रधान सचिव के कैलाशनाथन ने 12 सौ करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया था। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रलोभन देने का यह कोई नया मामला नहीं है। भाजपा पैसे और मसल पावर के बल पर राजनैतिक समर्थन लेती रही है। इससे पहले मेहसाना पाटीदार आंदोलन समिति के संयोजक नरेंद्र पटेल को भी पैसे देने की पेशकश की गई थी। इससे पहले गुजरात के राज्यसभा चुनावों में भी विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात सामने आई थी। इसके अलावा भाजपा ने गुजरात चुनाव देरी से घोषित करने के लिए चुनाव आयोग पर भी दबाव डाला था।
सिंघवी ने कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ अति सक्रिय केंद्रीय एजेंसियों ने इन मामलों पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने इन मामलों की जांच और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, गुजरात के भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।