दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी याचिका में सीबीआई की गिरफ्तारी को अवैध बताया है। साथ ही, आम आदमी पार्टी के मुखिया अररविंद केजरीवाल ने दिल्ली की एक अदालत के 26 जून के आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें उन्हें तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया था। अरविंद केजरीवाल को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में गड़बड़ी के सिलसिले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। अधीनस्थ अदालत ने केजरीवाल को 29 जून को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
केजरीवाल (55) को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले में न्यायिक हिरासत में थे।
अरविंद केजरीवाल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन दिन की हिरासत में पूछताछ के बाद अदालत में पेश किया था। सीबीआई ने केजरीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का अनुरोध करते हुए कहा कि ‘‘जांच और न्याय के हित में’’ उनकी हिरासत जरूरी है।
सीबीआई की याचिका मंजूर करते हुए विशेष न्यायाधीश सुनयना शर्मा ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को अदालत में पेश किया जाए।
बता दें कि इस केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पहले ही अरविंद केजरीवाल को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से जमानत मिल गई थी, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, अब सुप्रीम कोर्ट में मामला है।