गुजरात के भड़ुच के सांसद बाजवा ने गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल, गुजरात मंत्रिमंडल के सदस्य सौरभ पटेल और केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपने सीनियर मंत्री जोएल ओरांव पर आरोप लगाया है कि इन सभी ने मिलकर प्रधानमंत्री से उनकी शिकायत की और पीएम को उनके खिलाफ कर दिया। बासवा ने यह भी कहा कि जिस तरह से उन्हें मंत्री पद से हटाया गया है उससे अब डरकर कोई सच बोलने की हिम्मत नहीं करेगा।
दिल्ली से प्रकाशित होने वाले एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में बासवा ने यह सारी बातें कही हैं। बासवा ने कहा कि आदिवासी मामलों खासकर गुजरात के बारे में अपने विचार सामने रखना ही मंत्रिमंडल से उनकी विदाई का कारण बना। मंत्रालय में आदिवासियों की मांगों को उठाने के कारण गुजरात की मुख्यमंत्री, सौरभ भाई और ओरांव ने पीएम से उनकी शिकायत कर दी।
मनसुख भाई बासवा उन पांच मंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें मंगलवार को कैबिनेट फेरबदल में बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बासवा ने कहा कि गुजरात में हर वर्ष आदिवासी महोत्सव मनाया जाता रहा है मगर इस वर्ष यह नहीं मनाया गया क्योंकि इस बार इसका ठेका जिस पार्टी को दिया गया था वह इस ठेके के योग्य नहीं थी। यह बात जब प्रधानमंत्री को पता चली तो उन्होंने दखल देकर यह ठेका रद्द करवा दिया मगर यह सवाल किसी ने नहीं उठाया कि आखिर यह ठेका दिया कैसे गया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने गुजरात और केंद्र में एक पार्टी का शासन आने के बाद आदिवासी अधिकार पत्र को लागू करने की मांग उठाई मगर इसे भी पूरा नहीं किया गया।
अखबार के अनुसार बासवा ने मंत्रालय के मामलों में अपनी शिकायतों को इस वर्ष फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर अवगत कराया था और उन्हें यह आश्वासन भी मिला था कि उनकी शिकायतों पर गौर किया जाएगा मगर इसके बदले उन्हें ही मंत्रिमंडल से हटा दिया गया।