कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दों को लेकर एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार हमला बोला है। राहुल ने आरोप लगाया कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार कृषि संकट की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई में कांग्रेस उनके साथ खड़ी होगी।
राहुल ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘हमारे देश में हर दिन 35 किसान आत्महत्या करते हैं। कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ केंद्र सरकार का ध्यान खींचने के लिए किसान भाई 10 दिन का आंदोलन करने पर मजबूर हैं। हमारे अन्नदाताओं के हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा।’
हमारे देश में हर रोज़ 35 किसान आत्महत्या करते हैं। कृषि क्षेत्र पर छाए संकट की तरफ़ केंद्र सरकार का ध्यान ले जाने के लिए किसान भाई 10 दिनों का आंदोलन करने पर मजबूर हैं। हमारे अन्नदाताओं की हक की लड़ाई में उनके साथ खड़े होने के लिए 6 जून को मंदसौर में किसान रैली को संबोधित करूंगा। pic.twitter.com/Bv4Hv72jE8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 2, 2018
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मंदसौर में पिछले साल 6 जून को किसानों पर हुई पुलिस की गोलीबारी में कई किसानों की मौत हो गई थी। राहुल गांधी इसकी पहली बरसी पर यहां रैली को संबोधित करेंगे।
हड़ताल पर देश के सात राज्यों के किसान
पंजाब, मध्यप्रदेश समेत देश के सात राज्यों में किसान हड़ताल पर हैं। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ 10 दिवसीय आंदोलन की घोषणा की है। मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों ने शहर से बाहर फल और सब्जियों को भेजे जाने पर रोक लगा दी है। किसानों ने यह आंदोलन सरकार द्वारा किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भुगतान के वादे को जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर किया है। आंदोलन शुरू करने से पहले किसान मंदिर पहुंचे और भगवान का दूध से अभिषेक किया।
क्या हैं किसानों की मांग?
पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने अपनी सब्जियां, फल और दूध को सड़क पर फेंक दिया है और इनकी आपूर्ति शहरों में करने पर रोक लगा दी है। किसानों की मांग है कि उनके ऋण को माफ किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए। पिछले साल 6 जून को मंदसौर में हड़ताल कर रहे किसानों पर फायरिंग की गई थी। 10 दिनों की हड़ताल के चलते मंदसौर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसानों का कहना है कि वह किसान अवकाश के दौरान शहरों तक फल, सब्जियां और अनाज की आपूर्ति नहीं करेंगे।