कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कर्नाटक के शिवमोगा में गुरुवार को एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर पीएम केयर्स फंड को लेकर पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करने को लेकर की गई है। शिकायतकर्ता प्रवीण केवी ने सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है जो एक वकील हैं। ये ट्वीट कांग्रेस की तरफ से 11 मई को किया गया था।
कोरोना वायरस को लेकर मदद के लिए केंद्र सरकार ने ‘पीएम केयर्स फंड’ का गठन किया है। जिसको लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस सरीखी कई विपक्षी पार्टियां फंड के ऑडिट की मांग कर रही है।
'कांग्रेस लोगों को भड़काने की कर रही कोशिश'
वकील प्रवीण केवी द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट के माध्यम से केंद्र सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ विवादास्पद बयान दिए हैं और लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की है। शिकायतकर्ता ने अपने एफआईआर में कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने 11 मई को पीएम केयर्स फंड के गलत इस्तेमाल का दावा करते हुए ट्वीट के जरिए भारत सरकार पर आरोप लगाए हैं जो झूठ और बेबुनियाद है।
इन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से भड़काऊ बयान देना) और 505 (सार्वजनिक उपद्रव के लिए जिम्मेदार बयान) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। एफआईआर में सोनिया गांधी को सोशल मीडिया अकाउंट की संचालक बताया गया है।
'पीएम केयर्स फंड को पीएम केयर्स फ्रॉड बताया गया'
प्रवीण केवी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के एक ट्विटर अकाउंट ने 11 मई 2020 को 'पीएम केयर्स फंड' को 'पीएम केयर्स फ्रॉड' करार दिया। पार्टी की तरफ से दावा किया गया कि जनता के लिए पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।