पूर्व पीएम मनमोहन सिंह व कांग्रेस के अन्य सांसदों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर धमकाने वाली भाषा के बारे में चिंता जताई है। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा है कि वे प्रधानमंत्री हैं और इस तरह की भाषा का इस्तेमाल उन्हें शोभा नहीं देता है। साथ ही राष्ट्रपति कोविंद से मांग की है कि वे पीएम को इस बारे में दिशा निर्देश दें।
हाल ही में कर्नाटक की एक रैली में पीएम मोदी ने दिए भाषण में सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर कुछ टिप्पणी की थी जिसकी भाषा पर सवाल उठाते हुए मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। मनमोहन सिंह के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा है, 'कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लीजिए, अगर सीमाओं को पार करोगे तो ये मोदी है, लेने के देने पड़ जाएंगे।'
पूर्व पीएम ने पत्र में लिखा है कि देश में इससे पहले जितने भी प्रधानमंत्री हुए लेकिन सभी ने सार्वजनिक और निजी कार्यक्रमों में पूरी गरिमा और मर्यादा का पालन किया। यह कभी सोचा भी नहीं जा सकता कि लोकतांत्रिक समाज में कोई पीएम मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करेगा।
पीएम ने कहा है कि संविधान के तहत पीएम एक विशेष पोजीशन होल्ड करते हैं और केंद्रीय कैबिनेट के मुखिया हैं। पीएम ने शपथ ली है कि संविधान की पालना करूंगा और विधि सम्मत कार्य करूंगा। देश की संप्रभुता और एकता की रक्षा करूंगा। किसी दुर्भावना से काम नहीं करूंगा।
पत्र पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और उप नेता आनंद शर्मा, पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, पार्टी महासचिव अशोक गहलोत, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर हैं।