कांग्रेस ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर उपजे विवाद की पृष्ठभूमि में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि ‘फ्रिंज’ (अराजक) सत्तारूढ़ पार्टी के मूल में है।
मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल की टिप्पणी से खड़े हुए विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर चुप क्यों हैं?
भाजपा ने गत रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था और अपनी दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया था। पैगंबर मोहम्मद पर दोनों नेताओं की कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कुछ मुस्लिम देशों ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘भाजपा के मूल में ‘फ्रिंज’ है।’’
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री चुप हैं, गृह मंत्री चुप हैं। विदेश मंत्री भी इस मुद्दे पर चुप हैं। पूरा विश्व देख रहा है कि ये लोग चुप हैं। ऐसा क्यों है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस देश के विपक्ष, बुद्धिजीवी, सेवानिवृत्त नौकरशाह और बचे-खुचे स्वतंत्र मीडिया ने पहले बार-बार यह एहसास कराने की कोशिश की थी कि यह देश विविधताओं का देश है, इसे छोटे दिल-दिमाग से नहीं चलाया जा सकता। लेकिन इस सरकार ने कुछ नहीं समझा।’’
खेड़ा ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आज दूसरे देशों की घुड़की पर आपने अपने दल के अधिकृत प्रवक्ताओं को ‘फ्रिंज’ (अराजक) कह दिया। प्रधानमंत्री जी, आप भी इन्हीं गलियों से गुजरकर यहां तक पहुंचे हैं। आप आज नुपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को फ्रिंज कह रहे हैं, लेकिन भविष्य में इन्हीं लोगों को भाजपा की मुख्यधारा में लाया जाएगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पाकिस्तान 70 साल में जो काम नहीं कर पाया, वह काम इस सरकार ने अपनी करतूत से कर दिया। पाकिस्तान दुनिया के देशों को भारत के खिलाफ लामबंद होने की कोशिश करता रहा, लेकिन सफल नहीं हो पाया था। आज दुनिया के देश इस सरकार और भाजपा के चलते भारत के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।’’
कांग्रेस प्रवक्ता ने ओमान स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘‘अब भारतीय दूतावास भाजपा की विज्ञप्ति जारी कर रहे हैं। इस सरकार ने ये क्या हाल बना दिया है। दूतावासों को भाजपा का मुखपत्र बना दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, अब भी समय है, चेत जाइए। सांप पालने का शौक छोड़िए। बीन बजाइए और इन सांपों को बिलों में वापस भेजिए क्योंकि ये सांप अब आपको भी डसने वाले हैं।’’