आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद इसके उम्मीदवारों ने दिल्ली में भाजपा को कड़ी टक्कर दी और साथ ही लोगों ने भाजपा की "नफरत तथा तानाशाही" की राजनीति के खिलाफ मतदान किया।
मंगलवार को लोकसभा चुनाव नतीजों के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए निराशाजनक नतीजे सामने आए जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के अपने गढ़ों में बड़ा नुकसान उठाती दिख रही है, हालांकि इसके लगभग 290 सीट के साथ सरकार बनाने की उम्मीद है।
भाजपा दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीट पर आगे है और इसके तीन उम्मीदवार एक लाख से अधिक मतों के अंतर से आगे हैं।
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं देश के मतदाताओं के सामने सिर झुकाना चाहता हूं। आज चुनाव परिणाम आ रहे हैं। तस्वीर साफ होती जा रही है।’
उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव जनता के लिए एक संदेश है कि वह भाजपा के 10 साल के शासन से थक गई है और उसे बाहर करना चाहती है। लोग महंगाई से परेशान हो गए हैं। यह भारत के लोकतंत्र की सुंदरता है कि लोगों ने भाजपा को वापस जाने के लिए कहा है।’
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं देश के मतदाताओं के सामने सिर झुकाना चाहता हूं। आज चुनाव परिणाम आ रहे हैं। तस्वीर साफ होती जा रही है।’
उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव जनता के लिए एक संदेश है कि वह भाजपा के 10 साल के शासन से थक गई है और उसे बाहर करना चाहती है। लोग महंगाई से परेशान हो गए हैं। यह भारत के लोकतंत्र की सुंदरता है कि लोगों ने भाजपा को वापस जाने के लिए कहा है।’
भाजपा के 272 के बहुमत के आंकड़े से दूर दिखाई देने पर सिंह ने कहा, ‘नतीजे भाजपा और उसकी नफरत तथा तानाशाही की राजनीति के लिए एक बड़ा सबक हैं। अगर प्रधानमंत्री में थोड़ी सी भी नैतिकता है, तो उन्हें 400 पार का नारा देने के लिए पद छोड़ देना चाहिए।’
पार्टी के चुनाव प्रदर्शन के बारे में आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा, ‘हमने विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ा। पंजाब में सांसदों की संख्या बढ़ेगी। दिल्ली में हमने भाजपा को कड़ी टक्कर दी और इस बार (2019 की तुलना में) अंतर कम है।’
पंजाब में आप दो सीट पर आगे है जबकि संगरूर से इसके उम्मीदवार गुरमीत सिंह मीत हेयर चुनाव जीत गए हैं।
राय ने कहा कि भाजपा के सहयोगियों- तेदेपा के एन चंद्रबाबू नायडू और जदयू नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दोनों ने अतीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘देश के लोग चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार से उम्मीद करते हैं कि वे सही समय पर सही निर्णय लेंगे और देश में तानाशाही खत्म करने के उनके आह्वान को सुनेंगे।’ सिंह ने कहा कि भविष्य की रणनीति तय करने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन जल्द ही बैठक करेगा।