कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार वार किया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि यह पार्टी दलित और आरक्षण विरोधी है। इस पार्टी के खिलाफ लोगों में गहरी नाराजगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, “अब अच्छे दिन आ रहे हैं, मोदी जी जा रहे हैं।”
जयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को चुनौती दी कि वह खुद को सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करने वाला संगठन बताने की जगह भाजपा के साथ खुलकर आए और विचारधारा के आधार पर चुनाव लड़े। गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बारे में यह बात उजागर हो गई है कि वे लोगों को मूर्ख बनाकर सत्ता में आए हैं।
गांधी विरोधी थे, अब ले रहे हैं उनका नाम
उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने कभी भी राष्ट्र निर्माण में कांग्रेस की महापुरुषों के योगदान की बात नहीं की। गहलोत ने कहा कि 45 साल से मैं आरएसएस और इन लोगों को ट्रैक कर रहा हूं। ये लोग दलित विरोधी थे, गांधीजी के खिलाफ थे। कभी किसी महापुरुष का इनकी जुबान पर नाम तक नहीं आया। आज ये गांधीजी का नाम लेते हैं, सरदार पटेल को अपना रहे हैं।
उपवास गांधीजी का सिखाया हुआ था, ये जो कभी गांधीजी का नाम लेते नहीं थे आज उपवास कर रहे हैं!
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 12, 2018
आरएसएस के 100 साल होने आए हैं, 100 सालों में कब उपवास किया इन्होंने? बीजेपी ने उपवास रखा कभी?
कांग्रेस का जो रास्ता था उसे ये फॉलो कर रहे हैं बीजेपी का भी कांग्रेसीकरण कर रहे हैं ये लोग।
एक दिन नेहरू को भी मान लेंगे अपना नेता
संसद में हंगामे के खिलाफ भाजपा के एक दिन के उपवास पर गहलोत ने कहा कि उपवास महात्मा गांधी का सिखाया हुआ था और ये अब इसे कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वे अपनी नीतियों और कार्यक्रमों पर टिक नहीं सकते। वे कांग्रेस नेताओं को अपने पक्ष में ला रहे हैं, जिसका उदाहरण अरुणाचल प्रदेश है। कांग्रेस महासचिव ने कहा, “यह भाजपा का कांग्रेसीकरण है। एक दिन ऐसा भी आएगा जब ये जवाहर लाल नेहरू को भी अपना नेता कहने लगेंगे।
प्रधानमंत्री खुद उपवास कर रहे हैं। वो टाइम आएगा... आप देखना एक जमाना आएगा जब ये पंडित नेहरू को भी अपना नेता मान लेंगे जैसे गांधी को माना है और पटेल को माना है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 12, 2018
राजे को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहाकि राज्य में कानून का शासन नहीं है और इस कारण उन्होंने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार सिर से लेकर पैर तक फैल गया है, अफसरशाही नियंत्रण में नहीं है और उनकी सत्ता में भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि करौली के हिंडन सिटी में दलित नेताओं के घर पुलिस और जिला अधिकारियों की मौजूदगी में जला दिए जाते हैं। इस तरह की घटना यह दर्शाती है कि स्थिति बहुत ही खतरनाक है और राज्य में कानून का शासन नहीं है। यहां पर दो अप्रैल के भारत बंद के अगले दिन दलित वर्ग की भाजपा विधायक राजकुमारी जाटव और पूर्व कांग्रेसी विधायक व पूर्व मंत्री भरोसीलाल जाटव के मकान को हंगामा कर रहे लोगों ने आग के हवाले कर दिया था।
गहलोत ने कहा कि दो अप्रैल के भारत बंद के दिन देश भर में 11 लोग मारे गए जबकि 10 अप्रैल का बंद शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि दो अप्रैल को सुरक्षा के इंतजाम उतने दुरुस्त नहीं थे जितने 10 अप्रैल को थे। कांग्रेस महासचिव राजस्थान में बढ़ रहे अपराधों को लेकर राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया की भी आलोचना की।