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राहुल गांधी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- संसद में जानबूझकर छिपाए गए बैंक डिफॉल्टर्स के नाम

बैंक डिफॉल्टर्स को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर...
राहुल गांधी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना, कहा- संसद में जानबूझकर छिपाए गए बैंक डिफॉल्टर्स के नाम

बैंक डिफॉल्टर्स को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने संसद में जानबूझकर सच छिपाने का आरोप लगाते हुए कि 16 मार्च को लोकसभा में वित्त मंत्री से 50 बड़े बैंक डिफॉल्टर्स के नामों की सूची मांगी गई थी, लेकिन सरकार ने इसे बताने से इनकार कर दिया।

राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा, 'संसद में मैंने एक सीधा सा सवाल पूछा था, मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए। वित्त मंत्री ने जवाब देने से मना कर दिया। अब आरबीआई ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के सभी मित्रों  के नाम बैंक चोरों की सूची में डाले हैं। इसीलिए संसद में इस सच को छुपाया गया।' इसके साथ ही राहुल गांधी ने अपना वीडियो भी शेयर किया है।

कर्जे माफ करना भाजपा का मुख्य एजेंडा

इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया, "भगोड़ों की मदद करना और उनके कर्जों को माफ करना भाजपा का मुख्य एजेंडा बन गया है। 16 मार्च, 2020 को, राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार से भारत में 50 शीर्ष बैंक घोटालेबाजों के नाम की जानकारी मांगी थी लेकिन सरकार और वित्त मंत्री ने इसे छिपाए रखा और  किसी भी नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार का 'छल, कपट और भगाने’' को बढ़ावा देने का यह एक क्लासिक मामला है, जिसे अब स्वीकार नहीं किया जा सकता है और प्रधानमंत्री को जवाब देना होगा।"

68,607 करोड़ रुपये के लोन माफ किए

कांग्रेस ने मंगलवार को एक आरटीई के जबाव का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या समेत 50 शीर्ष बैंक डिफॉल्टर्स के 68,607 करोड़ रुपये के लोन माफ कर दिए। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने 2014 से सितंबर 2019 तक 6.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए। बता दें कि संसद के बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने कर्ज अदा नहीं करने वाले 50 सबसे बड़े डिफॉल्टर्स र्ताओं के नाम पूछे थे।  इस पर सरकार ने कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की वेबसाइट पर सारे नामों को दिया जाता है और ये नाम वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

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