प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की बातचीत के बीच कांग्रेस ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर राजग सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने आज कहा कि सरकार को इस सौदे की असलियत सामने लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सौदे में घोटाला किया गया है इसलिए सरकार कीमत छिपा रही है।
उन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत न बताने के लिए गोपनीयता के करार की आड़ लेने को सरकार की बहानेबाजी करार दिया। वडक्कन ने कहा कि भारत मिस्र और कतर की तुलना में इन विमानों के लिए ज्यादा कीमत दे रहा है। उऩ्होंने कहा कि इस दान के बारे में मोदी सरकार को बताना चाहिए कि ज्यादा कीमत क्यों दी जा रही है। वडक्कन ने पत्रकारों से कहा कि लोग यह जानना चाहते हैं कि यह पैसा किसके पॉकेट में गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन दिन से यह सवाल उठा रही है लेकिन सरकार या भाजपा की तरफ से इसके जवाब में न तो एक शब्द ही कहा गया न ही इनकार किया गया। वडक्कन ने सरकार की स्थिति उस बिल्ली की तरह है जो दूध पीते समय यह समझ कर आंख बंद लेती है कि उसे कोई देख नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि आपने संप्रग को भ्रष्ट कहा। अगर यह भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है।
उन्होंने कहा कि पहले रक्षा मंत्री ने कहा कि था कि रक्षा सचिव विमानों की कीमत बताएंगे लेकिन बाद में सरकार मुकर गई और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए विमानों की कीमत बताने से पीछे हट गई। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही इन विमानों की कीमत नहीं बता रही है लेकिन विमान बनाने वाली कंपनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि उसने यही विमान कतर और मिस्र से भी खरीदे हैं। रिपोर्ट में विमानों की कीमत का जिक्र है और दोनों देशों की तुलना में भारत से एक विमान की कीमत 350 करोड़ रुपये से अधिक ली गई है।
प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार मेक इन इंडिया की बात करती है लेकिन राफेल सौदे में उसने इन विमानों को देश में ही बनाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण संबंधी समझौते को खत्म कर दिया। सरकार ने इसके बजाय यह जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी है जिसका विमानन क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं है।