कांग्रेस के ‘नव संकल्प शिविर’ का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन विचार-विमर्श से पहले कांग्रेस ने देश की अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेराजगारी इत्यादि मुद्दों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर आर्थिक पॉलिसी को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार की आर्थिक पॉलिसी का नतीजा है कि गरीबी और बेरोजगारी बढ़ रही है। यह सरकार गरीब, किसान और युवाओं की विरोधी सरकार है। देश की इकोनॉमिक पॉलिसी को पूरी तरह से रिसेट करने की जरूरत है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें वर्क फोर्स को इक्कीसवीं सदी के अनुसार तैयार करना होगा। सोशल सर्विसेज पर ज्यादा खर्च जरूरत है। महंगाई के लिए रूस और यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहराना बकवास है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विश्वास खत्म हो गया है। यह केवल भाजपा या अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों का मसला नहीं है। वर्तमान केंद्र सरकार से कोई उम्मीद भी नहीं है। राज्यों को जीएसटी की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। जीएसटी कंपनसेशन पीरियड 3 साल के लिए बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों के लिए आर्थिक नीतियों को रीसेट करने की जरूरत है। जनता महंगाई और नौकरियां खोने से त्रस्त है। नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव से पहले कहा था कि हम सत्ता में आए तो डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 40 तक लाएंगे। आज डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू सबसे निचले स्तर पर है।
चिंदबरम ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के सरकार के फैसले का भी विरोध किया है। उन्होंने यह माना है कि आर्थिक मसालों को देश की जनता के सामने ठीक ढंग से नहीं रख पाए हैं।
चिदंबरम ने कहा कि शिविर आर्थिक मसलों की कमेटी में किसी तरह का मेनिफेस्टो तैयार नहीं हो रहा है, लेकिन हम इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि देश के आर्थिक मुद्दे क्या हैं...लोगों को उनसे भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा 50 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी है। हजारों बच्चों की कुपोषण से मौत हो रही है। दस प्रतिशत लोग भूखमरी झेल रहे हैं। इन पर डिबेट नहीं हो रही है। डिबेट हो रही है लाउडस्पीकर पर, हलाल और झटका मीट पर। हम नफरत और ध्रुवीकरण की राजनीति का विरोध करते हैं।
चिदंबरम से जब सवाल पूछा गया कि आपकी सरकार के समय भी डॉलर के मुकाबले रुपया गिरा था और पीएम मोदी ने उसका विरोध किया था, इसके जवाब में चिदंबरम ने कहा कि उस वक्त रुपया इतना नहीं गिरा था जो हालत अब हो रहे हैं। उस वक्त भाजपा नेताओं ने गलत बयान दिए थे। इसमें उन्होंने सुषमा स्वराज का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रुपये की गिरने की वजह दो ही हो सकती है, हमारे यहां प्रॉडक्शन कम हो रहा है और निर्यात घट रहा है।
चिदंबरम ने कहा कि महंगाई की वजह यूक्रेन व रूस के बीच युद्ध को बताया जा रहा है। इसमें हमारा मानना है कि युद्ध अचानक से चालू नहीं हुआ है। कई दिनों से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति थी, तभी हमें महंगाई को नियंत्रण करने की तैयारी करनी थी जो नहीं की गई।
काशी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चिदंबरम ने कहा कि देश में पुरातत्व संरक्षण कानून बनाना है, उसके लिहाज से जो पुरा संपदा है, उसको छेड़ने या बदलने की जरूरत नहीं है। नरसिम्हा राव सरकार ने रामजन्मभूमि को छोड़कर इस बात को सुनिश्चित किया था।