Advertisement

बरोदा की जनता ने खट्टर सरकार के ख़िलाफ़ ‘राइट टू रिकॉल’ का इस्तेमाल किया- दीपेंद्र हुड्डा

"13 दिसंबर को भूपेंद्र सिंह हुड्डा करेंगे आगामी संघर्ष के रोडमैप का ऐलान" बरोदा उपचुनाव के नतीजों के बाद...
बरोदा की जनता ने खट्टर सरकार के ख़िलाफ़ ‘राइट टू रिकॉल’ का इस्तेमाल किया- दीपेंद्र हुड्डा

"13 दिसंबर को भूपेंद्र सिंह हुड्डा करेंगे आगामी संघर्ष के रोडमैप का ऐलान"

बरोदा उपचुनाव के नतीजों के बाद गठबंधन रूपी इमारत में अविश्वास की दरार आ चुकी है। सरकारी नियम है कि इमारत में दरार आने के बाद उसे असुरक्षित घोषित कर दिया जाता है। इसलिए ये सरकार असुरक्षित हो चुकी है और कभी भी ढह सकती है। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। चंडीगढ़ में पत्रकारों से रूबरू हुए दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बरोदा में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत के बाद गठबंधन सहयोगियों में इस कदर अविश्वास बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर बीजेपी को जेजेपी का वोट नहीं मिलने की बात कहनी पड़ी। ऐसे में जेजेपी को बताना चाहिए कि वो मुख्यमंत्री के इस बयान को स्वीकार करती है या अस्वीकार करती है। उपचुनाव के नतीजे ने गठबंधन सहयोगियों में भरोसे का संकट खड़ा कर दिया है। जबकि चुनाव के दौरान ख़ुद बीजेपी उम्मीदवार का मुख्यमंत्री से भरोसा उठ गया था। इसलिए चुनाव कैंपेन के आख़िरी दौर में योगेश्वर दत्त के बैनर्स से मुख्यमंत्री की फोटो को ग़ायब कर दिया गया था।

सांसद दीपेंद्र ने मुख्यमंत्री के उस बयान को हास्यास्पद बताया, जिसमें मुख्यमंत्री ने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन की वोट बढ़ने का दावा किया था। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को कुल 70 हज़ार वोट मिले थे और उपचुनाव में सिर्फ 50000 वोट मिले हैं। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि 50 हज़ार ज्यादा होते हैं या 70 हज़ार? सांसद दीपेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री सच से नज़रें चुरा रहे हैं। सच ये है कि कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में करीब 40 हज़ार वोट मिले थे और उपचुनाव में 60 हज़ार वोट मिले हैं। यानी महज 1 साल के भीतर सत्ता और गठबंधन होने के बावजूद बीजेपी-जेजेपी के 20 हज़ार वोट कम हो गए और कांग्रेस के 20 हज़ार वोट बढ़ गए हैं। अगर नतीजे के इस आंकड़े को बाक़ी विधानसभा सीटों पर अप्लाई किया जाए तो कांग्रेस के पास 70 सीटें होंगी। एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि गठबंधन दलों के 20 हज़ार वोट कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुए हैं। बीजेपी और जेजेपी दोनों आपस में तय करें कि किसका कितना वोट कांग्रेस की तरफ आया है।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार ने सरपंचों के लिए ‘राइट टू रिकॉल’ का क़ानून बनाया है। इस क़ानून को सबसे पहले सरकार को अपने विधायकों पर लागू करना चाहिए और उनसे इस्तीफ़ा लेकर दोबारा चुनाव करवाना चाहिए। बरोदा की जनता ने सरकार के ख़िलाफ़ अपने ‘राइट टू रिकॉल’ का इस्तेमाल कर लिया है। जनता ने सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया है। इस जनादेश को लेकर हम पूरे हरियाणा में जाएंगे। सरकार के ख़िलाफ़ आगामी संघर्ष के रोडमैप का ऐलान ख़ुद चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा 13 दिसंबर को गोहाना में होने वाले कार्यकर्ता सम्मेलन में करेंगे। उनका ये संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक इस सरकार का पूरी तरह पतन नहीं हो जाता। बीजेपी-जेजेपी सरकार जितनी जल्दी सत्ता से बाहर होगी, प्रदेश के लिए उतना ही बेहतर होगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad