शिमला गैंगरेप-हत्या मामले में पुलिस गिरफ्त में नेपाल के एक आरोपी की मौत हो जाने के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुखू ने जिलों की यूनिट से बढ़ रहे आक्रोश पर रिपोर्ट मांगी है।
इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मामले को लेकर सिर्फ लोगों में ही नहीं पार्टी नेताओं में भी आक्रोश है। उनका आरोप है कि मामले को ठीक से देखा नहीं गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ बगावत के सुर तेज हो गए हैं। 6 कांग्रेस विधायकों ने हाईकमान को चिट्ठी भेजी है। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कुर्सी से हटाने की मांग की है। वीरभद्र सिंह पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं।
कुछ विधायकों ने आरोप लगाया कि केस के बाद वीर भद्र सिंह का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि ऐसी घटनाएं देश भर में होती रहती हैं, इसकी वजह से लोगों का आक्रोश बढ़ा है। लोग प्रशासन से नाराज हैं। गुड़िया के लिए इंसाफ के लिए लोग लगातार पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाए हुए हैं।
इसी बीच खबर आई कि सीबीआई ने सोमवार को मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए दो टीम भी बनाई गई हैं। एक टीम शिमला और दूसरी कोटखाई में मौका-ए-वारदात पर जांच करेगी। पूरी जांच गुप्त तरीके से की जा रही है। यह टीम पुलिस द्वारा की गई जांच को भी देखेगी।
बिंदुओं में जानिए पूरा घटनाक्रम-
हिमाचल प्रदेश के शिमला के कोटखाई में गत 4 जुलाई को 16 साल की बच्ची (जिसे गुड़िया नाम दिया गया है) का गैंगरेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
उसके माता-पिता ने पुलिस को गुमशुदगी की सूचना दी। पुलिस को गुड़िया की लाश 6 जुलाई को हलैला जंगल में मिली।
13 जुलाई को पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
जांच में हो रही गड़बड़ी के आरोप के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया।
वीरभद्र सिंह की सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपा।
एक आरोपी को कथित तौर पर पुलिस गिरफ्त में दूसरे आरोपी ने मार दिया।
इस जांच से जुड़े अधिकारियों का तबादला कर दिया गया।
गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए बीते सप्ताह मंगलवार को गुम्मा कस्बे में 24 पंचायतों के चार हजार लोगों ने प्रदर्शन किया था।
आक्रोशित लोगों ने नेशनल हाईवे पर सात घंटे तक जाम लगा दिया था। लोग इतने गुस्से में थे कि एक गाड़ी को तोड़ दिया। मौके पर पहुंचे एसडीएम को कमरे में बंद कर दिया था।