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हिंदी को लेकर भाजपा में ही फूट, येदियुरप्पा ने कहा- कर्नाटक में कन्नड़ ही चलेगी, कोई समझौता नही

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने की बात कह कर देश में एक नई बहस छेड़ दी है।...
हिंदी को लेकर भाजपा में ही फूट, येदियुरप्पा ने कहा- कर्नाटक में कन्नड़ ही चलेगी, कोई समझौता नही

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने की बात कह कर देश में एक नई बहस छेड़ दी है। शाह के इस बयान के बाद क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इसे मुद्दा बना दिया है और सभी अपनी भाषा के पक्ष में और हिंदी को थोपे जाने की बात कह रहे हैं। इसी क्रम में कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने भी शाह की बात का जवाब दे दिया है। येदियुरप्पा ने कहा कि जहां तक कर्नाटक का सवाल है कन्नड़ यहां की आधिकारिक भाषा है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

हिंदी पर बीजेपी में ही फूट, येदियुरप्पा ने दिया शाह को जवाब

कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा, ‘भारत में सभी आधिकारिक भाषाएं समान हैं। हालांकि जहां तक कर्नाटक का सवाल है यहां की मुख्य भाषा कन्नड़ है। हम इसकी महत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे और हम अपने राज्य की संस्कृति और कन्नड़ के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

विपक्ष के नेताओं ने जताया शाह के बयान पर ऐतराज

अमित शाह के बयान के बाद उन पर चौतरफा हमला हो रहा। पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु तक से आवाज उठ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि हम अपनी मातृभाषा से कोई समझौता नहीं करेंगे। वहीं, फिल्मों से राजनीति में आए कमल हासन ने कहा कि कोई शाह, सम्राट या सुल्तान इस वादे को अचानक से खत्म नहीं कर सकता।

ममता बनर्जी

ममता ने कहा कि हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए। हम कई भाषाएं सीख सकते हैं, लेकिन हमें अपनी मातृभाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए। दूसरी भाषाओं के सम्मान के लिए हम अपनी मातृभाषा से समझौता नहीं करेंगे।

कमल हासन

फिल्मों से राजनीति में आए कमल हासन ने कहा कि 1950 में देशवासियों से वादा किया गया था कि उनकी भाषा और संस्कृति की रक्षा की जाएगी। कोई शाह, सम्राट या सुल्तान इस वादे को अचानक से खत्म नहीं कर सकता।

असदुद्दीन ओवैसी

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘हर भारतीय की मातृभाषा हिंदी नहीं है। क्या आप इस देश की विविधता और इस देश की कई सारी भाषाओं की खूबसूरती का प्रोत्साहन नहीं कर सकते? आर्टिकल 29 भारत के हर नागरिक को उसकी भाषा, संस्कृति और लिपि का अधिकार देता है। भारत, हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व से बहुत बड़ा है।’

डीएमके नेता स्टालिन और कुमारस्वामी

दक्षिण के दो बड़े नेता एमके स्टालिन और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमार स्वामी ने भी अमित शाह के बयान पर विरोध जताया है।

डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है इसलिए राष्ट्रीय भाषा बनाई जानी चाहिए तो देश में सबसे ज्यादा कौए उड़ते हैं तो उसे राष्ट्रीय पक्षी बना देना चाहिए। यही हमारे नेता अन्नादुरई का भी स्टैंड था। तब से डीएमके ने तमिल भाषा को बचाने के लिए संघर्ष किया है। हिंदी को थोप कर देश की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है।’

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, ‘देशभर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। पीएम मोदी कन्नड़ दिवस कब मनाएंगे? जो कि भारतीय संविधान की एक आधिकारिक भाषा है।’

शाह के बयान का सदानंद गौड़ा ने किया समर्थन

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार-2 में केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने अमित शाह के हिंदी वाले बयान का समर्थन किया। गौड़ा ने कहा, ‘हिंदी सभी को एक करने वाली भाषा है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि यह देश की सभी क्षेत्रिए भाषाओं से बड़ी है। हम सभी ने तीन भाषाओं के फॉर्मूला को अपनाया है। प्रधानमंत्री ने भी सदन में कहा था कि सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान होगा।’

जानें क्या बोले थे अमित शाह

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे और सभी को अपनी मातृ भाषाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए कहा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है लेकिन पूरे देश की एक भाषा होना बेहद जरूरी है, जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी भाषा ही है।’

अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी जिक्र किया, जिन्होंने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण दिया।

 

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