राजस्थान में चल रहे सियासी उठापटक के बीच मंत्रिमंडल से मंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट खेमे के बागी पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों का करारा जवाब देते हुए उनसे कई सवाल किए हैं। मीणा ने गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा है कि आज सीएम जो करोड़ों के लेन-देन की बात कर रहे हैं वे यह बताएं कि जब हम बसपा में थे और कांग्रेस ज्वॉइन की तो हमें कितने पैसे दिए गए? सीएम इसका खुलासा करें।
दरअसल, एक दिन पहले यानी बुधवार को सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट और विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि पिछले कई दिनों से जयपुर में हॉर्स-ट्रेडिंग चल रही है। हमारे पास इसके सबूत हैं। यदि हमने 10 दिन पहले विधायकों को होटल में नहीं रखा होता तो आज जो मानेसर में हुआ वो यहां भी हो रहा होता। मालूम हो कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक मानेसर के होटल में ठहरे हुए थे।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि हो रहे हॉर्स ट्रेडिंग की हमारे पास प्रूफ है। इस बात के सबूत हैं कि कैसे उनके दलालों ने काम किया है। विधायकों को पैसा ऑफर कर रहे थे। हमारे लोगों ने पैसा लेने से इनकार कर दिया। कैसे उनके दलाल लोगों ने काम किया। पैसा ऑफर कर रहे थे पर कई लोगों ने लिया नहीं लिया। सीएम गहलोत ने आगे कहा था, हम तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। 40 साल से राजनीति में हैं। आने वाली नई पीढ़ी से हम प्यार करते हैं। आने वाला कल उनका है।
गहलोत की ओर से दिए गए इस बयान के बाद मीणा ने सीएम पर आरोपों की बौछार करते हुए कहा कि पूरे राजस्थान में ब्यूरोक्रेट्स हावी थे। जनप्रतिनिधियों के काम नहीं हो रहे थे। हमने ये बातें कैबिनेट में भी रखी थी, लेकिन हमारी मांगों पर सीएम ने ध्यान नहीं दिया। सरकार में जो लोकतंत्र होना चाहिए वह स्थापित नहीं किया गया। तानाशाही रवैया अपनाया गया।
मुरारीलाल मीणा ने भी गहलोत के आरोपों का किया खंडन
रमेश मीणा के साथ ही बागी विधायक मुरारीलाल मीणा ने भी सीएम के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अशोक गहलोत वास्तव में जादूगर हैं, जो झूठ को सच दिखा देते हैं। मुरारीलाल ने भी रमेश मीणा के सवाल को दोहराते हुए कहा कि जब हम बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए उस वक्त हमें कितना पैसा दिया गया था यह भी बताएं। उस समय हम ईमानदार थे तो आज भ्रष्ट कैसे हो गए। मुरारीलाल ने कहा कि हमारी नाराजगी का एक ही कारण है हमारा स्वाभिमान।
हमारे संस्कार डरने के नहीं'
मुरारीलाल ने कहा कि हम आज तक पार्टी के खिलाफ नहीं बोले हैं। अगर फिर भी वे चाहते हैं तो हमें विधायकी की भी कोई परवाह नहीं है। हम चुनाव जीतकर दोबारा भी एमएलए बन सकते हैं। हमारे संस्कार डरने के नहीं हैं। हम आदिवासी समाज से आते हैं, उनको यह दिमाग से निकाल देना चाहिए। आज की तारीख में हम सब पढ़े लिखे हैं और सब चालों को समझते हैं।