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मॉब लिचिंग के आरोपियों का सम्मान करने पर विवादों में घिरे जयंत सिन्हा, बाद में दी सफाई

पिछले वर्ष रामगढ़ में मीट-कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी को पीट-पीटकर मार डालने वाले आठ आरोपियों...
मॉब लिचिंग के आरोपियों का सम्मान करने पर विवादों में घिरे जयंत सिन्हा, बाद में दी सफाई

पिछले वर्ष रामगढ़ में मीट-कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी को पीट-पीटकर मार डालने वाले आठ आरोपियों का केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने माला पहनाकर सम्मान किया और मिठाई खिलाई। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो हुईं, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने इस पर अपनी सफाई दी है। साथ ही विपक्ष ने आरोपियों के साथ तस्वीर सामने आने के बाद उन पर हमला बोला है।

केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि जब उन लोगों को जमानत मिली, वो मेरे घर आए। कानून अपना काम करेगा,  जो दोषी हैं उन्हें सजा मिलेगी और जो बेकसूर हैं वो आजाद हो जाएंगे।

जयंत सिन्हा ने कहा, ‘मैंने पहले ही साफ किया है कि आरोपी को सजा मिलनी चाहिए। मैं जनता का प्रतिनिधित्व करता हूं और एक मंत्री हूं, मैंने कानून की रक्षा की शपथ ली है। किसी को भी कानून अपने हाथों में लेने का अधिकार नहीं है।‘

उन्होंने कहा, 'मुझे हमारी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। दुर्भाग्यवश मेरे काम को लेकर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए जा रहे हैं, जबकि मैं कानून की उचित प्रक्रिया का सम्मान कर रहा हूं। जो निर्दोष हैं वह छोड़ दिए जाएंगे और जो दोषी होंगे उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।' उन्होंने कहा कि रामगढ़ केस में रांची हाई कोर्ट ने आरोपियों की सजा खारिज कर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था। केस दोबारा से खुलेगा और उस पर सुनवाई की जाएगी।  

विपक्ष ने केंद्रीय मंत्री की आरोपियों के साथ तस्वीर सामने आने के बाद ने उन पर हमला बोला है। झारखंड में विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा, 'यह बेहद घिनौना है। हार्वर्ड आपके एक पूर्व छात्र जयंत सिन्हा लिंचिंग के आरोपियों का सम्मान कर रहे हैं।'

वहीं, सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, 'जब केंद्रीय मंत्री लिंचिंग के दोषियों पर कृपा दिखा रहे हैं तो हमें यह देखने के लिए बहुत दूर तक जाने की जरूरत नहीं कि कौन सी विचारधार हमारे समाज के ताने-बाने को तोड़ रही है।'

पिछले साल जून महीने में झारखंड के रामगढ़ जिले के टांड़ बाजार में कुछ लोगों ने मीट कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इन लोगों को शक था कि अंसारी गाय की तस्करी कर रहा है।

जांच के बाद इस साल मार्च में एक फास्ट ट्रैक अदालत ने इस मामले में 11 लोगों को सामूहिक हत्या का दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। लेकिन पिछले सप्ताह झारखंड हाईकोर्ट ने आठ आरोपियों के खिलाफ सुनाए गए निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया।

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